मेरठ। अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन एवं प्रादेशिक आयुर्वेद सम्मेलन के संयुक्त तत्वावधान में चौ0 चरण सिंह विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय आयुर्वेद महासम्मेलन और ओडीओपी प्रदर्शनी का उद्घाटन उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा किया गया।
इस अवसर पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ उपस्थित रहें। उप राष्ट्रपति, राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने एक जिला एक उत्पाद प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ छात्राओं द्वारा धनवंतरी वंदना किया गया एवं समापन राष्ट्रगान से किया गया।
विश्व में भारत का डंका सांस्कृतिक विरासत की वजह से
आयुर्वेद सम्मेलन की चर्चा करते हुए उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि विश्व में भारत का डंका बजेगा इसकी सांस्कृतिक विरासत की वजह से है। उन्होंने कहा कि आज लाइफ स्टाइल डिजीज की बात होती है इसमें आयुर्वेद और परंपरागत चिकित्सा पद्धतियां प्रभावी है। भारत विश्व का सबसे बडा लोकतंत्र है तथा यह लोकतंत्र की जननी है।
आज भारत कहां है जो कभी सोचा नहीं था जिसकी कल्पना नहीं थी वो सब आज भारत में हो रहा है। भारत बदल गया है। भारत आज दुनिया का सबसे ज्यादा कार्यात्मक प्रजातंत्र है।
प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में देश ने सफलतापूर्वक कोविड जैसी महामारी का मुकाबला किया। जिसकी पूरे विश्व में प्रशंसा हुई। कोरोना वैक्सीन का देश में निर्माण किया गया तथा 220 करोड वैक्सीन की खुराके दी गयी। उनकी डिजीटल मैपिंग की गयी।
भारत में ऋषि एवं संन्यासियों की लंबी परंपरा : आनंदी बेन पटेल
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा, वर्तमान समय में उप्र का दूसरा आयुर्वेद सम्मेलन मेरठ में आयोजित हो रहा है यह सम्पूर्ण पश्चिमी उप्र के लिए गर्व की बात है। भारत में ऋषि एवं संन्यासियों की लंबी परंपरा रही है। जिन्होंने अपनी स्वदेशी स्वास्थ्य सेवाओ का तंत्र विकसित किया।
उन्होंने कहा कि भारत आयुर्वेद का मूल स्थल है। हजारों वर्षो से स्वस्थ जीवन का मार्गदर्शक रहा है। कोरोना काल में आयुर्वेद के महत्व को परखा, समझा गया है। आयुर्वेद चिकित्सा के सभी ग्रंथों का पुनः मूल्यांकन करना आधुनिक परिप्रेक्ष्य में बहुत आवश्यक है।
मेरठ पौराणिक व ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की धरा: सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने कहा कि मेरठ पौराणिक व ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की धरा है। उन्होंने कहा कि मेरठ में स्थित हस्तिनापुर ने महाभारत की नींव रखी और एक नए इतिहास का सृजन किया था। मेरठ अन्नदाता के पुरूषार्थ तथा देश की आजादी के प्रथम स्वातंत्रता संग्राम का उद्घोष करने वाली क्रांति धरा है। भारत के वैद्यों ने विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए प्रशंसनीय कार्य किये हैं।
पहली बार हुआ आयुष मंत्रालय का गठन
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने पहली बार परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों, आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा तथा होम्योपैथी को लेकर आयुष मंत्रालय का गठन किया। योग को वर्ष 2016 से 21 जून की तिथि को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।
भारत की इस परंपरा के साथ दुनिया को जोडने में और इसी प्रकार आयुर्वेद को दुनिया में स्थापित करने में प्रधानमंत्री ने जो प्रयास किए हैं उन प्रयासों का परिणाम सबके सामने है। उप्र सरकार इन चिकित्सा पद्धतियों को प्रोत्साहन के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
यूपी में एफपीओ के माध्यम से हो रही औषधीय पौधों की खेती
उप्र में 3959 आयुष चिकित्सालय संचालित है। हैल्थ एवं वेलनेस सेंटर से जोडकर उप्र में 105 आयुष महाविद्यालय कार्यरत हैं। सदी की सबसे बडी महामारी के दौरान आयुर्वेद के महत्व को समझा गया है।
आयुर्वेद चिकित्सक हैल्थ एंड वेलनेस सेंटर को योग, पंचकर्म, क्षारसूत्र आदि से जोडकर बेहतर बना सकते है तथा वे एफपीओ के माध्यम से औषधीय पौधों की खेती करवाकर किसानों की आमदनी को कई गुणा बढाने में योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि चौ0 चरण सिंह जी किसानों के मसीहा थे।
उन्हीं के नाम पर यह विश्वविद्यालय स्थापित है। चौ0 चरण सिंह विश्वविद्यालय को नैक मूल्यांकन में ए प्लस प्लस ग्रेंड मिला है। कुलपति को बधाई देते हुए उन्होने कहा कि प्रदेश के लिए यह गौरव की बात है।
ये रहे उपस्थित
राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री द्वारा उप राष्ट्रपति एवं उनकी धर्मपत्नी सुदेश धनखड़ को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर ऊर्जा एवं वैकल्पिक राज्यमंत्री सोमेन्द्र तोमर, जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक, राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी के अलावा अन्य लोग उपस्थित रहे।