उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के कई ग्रामीण इलाकों में गैर-हिंदुओं और रोहिंग्याओं के प्रवेश प्रतिबंधित के बोर्ड लगा दिए गए हैं। इन बोर्ड में स्पष्ट पर लिखा है कि प्रतिबन्ध तोड़ने वालों के खिलाफ कानूनी और दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। सोशल मीडिया पर इन विवादित साइनबोर्ड्स के सामने आने के बाद इस पर राजनीति तेज हो गई है। पुलिस का कहना है कि माहौल खराब करने वालों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक रुद्रप्रयाग के सोनप्रयाग गांव में पोस्टर लगाए गए हैं जिसमें लिखा हुआ है कि गैर हिन्दू, रोहिंग्या मुसलमानों और फेरी वालों का गाँव में व्यापार करना या घूमना वर्जित है, अगर गाँव में ऐसे लोग घुमते पाए गए तो दंडात्मक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे ही बोर्ड ज़िले के अन्य गाँवों में भी लगे पाए गए हैं। गाँव वालों का कहना है कि वो लोग मजदूरी करने चले जाते हैं और गांव में महिलाएं अकेली रहती हैं, जिससे अपराध की सम्भावना लगातार बनी रहती है। इसीलिए हमने पोस्टर लगाए हैं, ताकि बिना सत्यापन और पहचान पत्र के कोई भी गांव में प्रवेश न कर सके।
इस मामले में एआईएमआईएम के प्रदेश पदाधिकारियों ने उत्तराखंड के डीजीपी से मुलाकात करके ऐसे साइनबोर्ड और मुसलमानों के खिलाफ हो रही घटनाओं पर कार्रवाई की मांग की। वहीं कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि अपराधी को अपराधी की तरह ही देखा जाना चाहिए, इसकी सजा पूरे समाज को नहीं दी जानी चाहिए। अगर किसी ने अपराध किया है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
उत्तराखंड पुलिस के प्रवक्ता दिनेश भरणे ने इस बात की पुष्टि की है कि रुद्रप्रयाग में इस तरह के पोस्टर लगाने के कुछ मामले सामने आए हैं, पुलिस ग्रामीणों और स्थानीय लोगों से बातचीत कर उनसे समन्वय बनाने की कोशिश कर रही है। अगर कोई माहौल खराब करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सुसंगत धाराओं में कार्रवाई की जाएगी।