रामचरित मानस विवाद के बीच आज बसपा मुखिया मायावती ने आज सपा नेताओं के शूद्र वाले बयान पर हमला करते हुए कहा था कि संविधान में बाबा साहब अमबेडकर ने उन्हें SC/ST, OBC की संज्ञा दी है इसलिए सपा नेता उन्हें शूद्र कहकर उनका अपमान न करें, मायावती के इस बयान पर पलटवार करते हुए सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि मायावती ने अगर इस इतिहास को सही मायने में ज़मीनी हकीकत पर समझा होता तो वो इस तरह का बयान न देतीं।
संविधान ही सबसे बड़ा धर्म है
मायावती के ट्वीट की श्रंखला के बाद एक पत्रकार वार्ता में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि संविधान ही सबसे बड़ा धर्म है और सबसे बड़ा धर्म ग्रन्थ भी संविधान है. इसी के साथ सपा एमएलसी ने भाजपा को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अखिलेश यादव जब कालीदास मार्ग छोड़ते हैं तो धर्म के नौटंकीबाज़ उसे गौमुत्र और गंगाजल से धुलवाते हैं. क्या गौमुत्र एक पूर्व मुख्यमंत्री से ज्यादा महत्वपूर्ण था. सपा नेता ने कहा कि भाजपा ने ऐसा करके अखिलेश यादव का अपमान किया।
भाजपा को बताया जातिवादी
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि बाबा साहब आंबेडकर को दुनिया के सबसे बड़े विद्वानों में शुमार किया जाता है, इसके बावजूद उनके साथ भेदभाव वाला व्यवहार किया जाता है, सिर्फ इसलिए कि वो एक दलित थे. उन्होंने भाजपा को जातिवादी बताते हुए कहा कि उसने हमेशा समाज को बांटने की राजनीती की है. रामचरित मानस पर दिए गए अपने बयान पर कायम रहते हुए उन्होंने कहा कि वो आज भी कहते हैं कि रामचरित मानस के कुछ अंश जातिवादी और समाज को बाँटने वाले हैं उन्हें ग्रन्थ से हटाना चाहिए।