मैनपुरी उपचुनाव में एक बड़ी जीत और रामपुर के उपचुनाव में एक बड़ी हार. एक ही पार्टी को मिले दो नतीजों पर खुसपुसाहट तो पहले से ही चल रही थी लेकिन अब इस खुसपुसाहट को बसपा प्रमुख मायावती ने हवा दी है और समाजवादी पार्टी के दो अलग नतीजों पर संदेह जताते हुए कहा कि कहीं यह सपा और भाजपा के बीच मिली भगत का नतीजा तो नहीं है. मायावती ने रामपुर के नतीजे पर काफी हैरत जताई है.
मुस्लिम समुदाय को चिंतन की ज़रुरत
मायावती रामपुर में आज़म खान के करीबी की हार पर चल रही चर्चाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि रामपुर विधानसभा आज़म खान और मुस्लिम समुदाय की ख़ास सीट रही है लेकिन पहले चुनाव में योजनाबद्ध तरीके से कम वोटिंग और फिर जीतते जीतते अचानक मिली हार से इस बात का संदेह ज़रूर पैदा होता है कि कहीं ये किसी मिली भगत का परिणाम तो नहीं। मायावती ने मुस्लिम समुदाय को आगाह करते हुए कहा कि रामपुर के नतीजे के बाद बहुत कुछ सोचने और समझने की ज़रुरत है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय को इसपर चिंतन करने की ज़रुरत है और भविष्य में इस तरह के धोकेबाज़ी से भी बचने की ज़रुरत है.
वायरल हुआ था अब्दुल फिर हारा हैशटैग
बता दें कि रामपुर में 21 राउंड तक सपा उम्मीदवार जीत रहा था लेकिन अगले चार राउंड में एक बड़े मार्जिन से उसकी हार हो गयी, वहीँ मैनपुरी में लगभग तीन लाख वोटों से सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को जीत मिली। उपचुनावों के नतीजों के बाद सोशल मीडिया पर इस तरह की बातें होने लगीं कि मैनपुरी सीट के लिए अखिलेश यादव ने योगी सरकार से रामपुर सीट का समझौता किया। सोशल मीडिया पर रामपुर के नतीजे बाद #अब्दुल फिर हारा काफी वायरल हुआ था.