सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला करते हुए आज कहा कि प्रदेश में किसान भाजपा सरकार की कुनीतियों के चलते बुरी तरह समस्याओं से घिर गया है। महंगाई और कर्ज से परेशान कई किसानों ने आत्महत्या कर ली। मुख्यमंत्री का ये कहना कि 6 साल में एक भी किसान ने आत्महत्या नहीं की अपन छह साल के स्याह रिकार्ड को छुपाना और आत्महत्या करने वाले किसानों की अपमानित करना है।
किसानों की आय का झूठा ढिंढोरा
अखिलेश ने कहा कि किसानों से भाजपा ने वादा किया था कि सन् 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। 2023 में भी इस दिशा में किसी सरकारी प्रयास का संकेत नहीं मिला है। हां, किसानों की आय दोगुना करने का झूठा ढिंढोरा जरूर पीटा जाने लगा है। गन्ना किसान का कोई पूछने वाला नहीं है। अभी भी गन्ना किसानों का 6 हजार करोड़ रूपए से ज्यादा बकाया है। गन्ना बकाये पर ब्याज का भी प्रावधान है लेकिन यहां तो मूलधन के ही लाले पड़े हैं।
ट्रैक्टरों पर पाबंदी लगाकर सरकार ने किसान विरोधी चरित्र उजागर किया
सपा प्रमुख ने आगे कहा कि भाजपा सरकार ने दस वर्ष बाद के ट्रैक्टरों पर पाबंदी लगाकर अपना किसान विरोधी चरित्र उजागर किया है। किसानों की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर नहीं खरीदी गई। किसानों को न तो समय पर खाद मिली न डीएपी। कीटनाशक दवाइयां भी महंगी है और समय से मिलती नहीं। डीएपी और यूरिया के लिए किसान लाठियां खा रहे है। सत्ता संरक्षण में भ्रष्टाचार फल फूल रहा है। किसानों को न तो समय पर खाद मिली न डीएपी। कीटनाशक दवाइयां भी महंगी है और समय से मिलती नहीं। डीएपी और यूरिया के लिए किसान लाठियां खा रहे है। सत्ता संरक्षण में भ्रष्टाचार फल फूल रहा है।