मैनपुरी की लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में अपनी पत्नी डिंपल यादव की जीत को सुनिश्चित करने के लिए अखिलेश यादव जी जान से जुटे हुए हैं, मैनपुरी जो मुलायम सिंह की कर्मस्थली रही है, उनके निधन से सपा को एक बड़ा झटका लगा है, अब उस झटके से उबरने के लिए सपा के लिए इस सीट पर अपना कब्ज़ा बरकरार रखना बहुत ज़रूरी हो गया है. अखिलेश अपनी चुनावी सभाओं में यहाँ के लोगों और नेता जी के दशकों से बने सम्बन्धो को याद कराना नहीं भूलते, वो यह भी याद कराना नहीं भूलते कि डिंपल यादव की जीत दरअसल नेता जी को असली श्रद्धांजलि होगी।
मुलायम का ज़िक्र करते भावुक हो गए अखिलेश
आज मैनपुरी के किशनी में अखिलेश ने एक बड़ी चुनावी सभा की. सभा में मौजूद बुज़र्गों को उन्होंने याद दिलाया कि नेता जी के उन लोगों के साथ कितने गहरे सम्बन्ध थे, नेता जी का ज़िक्र करके वो भावुक भी हुए. अखिलेश ने कहा इसी धरती से उन्हें धरतीपुत्र कहा गया , किसानों का बेटा कहा गया, गरीबों का मसीहा कहा गया, आज वह हम सबके बीच नहीं है, उनके बिना चुनाव हो रहा है तो ऐसे में हमारा क्या कर्तव्य बनता है. हमारा कर्तव्य है कि समाजवादी पार्टी को इस उपचुनाव में भारी बहुमत से जिताकर नेता जी को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करें।
देश की नज़रे मैनपुरी पर
अखिलेश ने लोगों को याद दिलाया कि नेताजी के साथ यहां बहुत से लोगों ने आंदोलन किये हैं, लाठियां खाई हैं. यहाँ हर निवासी का नेताजी के साथ लगाव रहा है. अखिलेश ने कहा कि भले ही यह उपचुनाव हो लेकिन पूरे देश की नज़रें मैनपुरी पर ही लगी हुई है. अखिलेश ने कहा कि नेताजी को पहचान इसी धरती से मिली, इसी मैनपुरी ने उन्हें नेताजी बनाया, अब यहाँ से एक एक वोट समाजवादी पार्टी को जाना है. बता दें कि डिंपल यादव की सीधी टक्कर भाजपा के रघुराज शाक्य से है, क्योंकि बसपा और कांग्रेस ने इस चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे है, अलबत्ता पिछले चुनाव में अखिलेश के साथ जीने मरने की कसमें खाने वाले ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा का उम्मीदवार ज़रूर मैदान में है.