कांग्रेस नेता राहुल गाँधी पर आये फैसले पर आज पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कई लोगों के खिलाफ भी इस तरह के मामले आये हैं, उन्होंने आज़म खान और अब्दुल्ला का नाम लेकर उन्होंने कहा कि भाजपा की यह साज़िश रही है कि कैसे इन लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाकर सदस्यता छीनी जाय. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि अभी हाल ही में आपने सुना होगा, इरफ़ान सोलंकी कानपूर के, एक दूसरे प्रदेश से आईपीएस बुलाया गया और उत्तर प्रदेश में उसे मौका दिया गया और उसे खुली छूट दी गयी कि आप उत्तर प्रदेश में तब तक रहोगे जबतक आप समाजवादी पार्टी के विधायकों की सदस्यता नहीं छीन लोगे। और यही काम रामपुर में हुआ, एक डीएम जो प्रदेश के कैडर से था, उसे बुलाकर शासन से ये निर्देश दिए गए कि आपको आज़म खान और अब्दुल्ला की राजनीती ख़त्म करनी है और उनकी सदस्यता छीननी है. तो ये भाजपा जानबूझकर ये साज़िश विपक्ष के नेताओं के साथ कर रही है.
बीजेपी कोई भी साज़िश कर सकती है
अखिलेश ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को ये सोचना चाहिए कि कानून उन्हीं के समय में आया था और उसी की वजह से आज उनकी सदस्यता जा रही है लेकिन उन्हें सावधान रहना पड़ेगा, बीजेपी कोई भी साज़िश कर सकती है. विपक्षी पार्टियों के साथ आज प्रदर्शन के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि ये प्रदर्शन का सवाल नहीं है, कानूनी सवाल है, बीजेपी को हटाने का सवाल है.
केशव प्रसाद मौर्या सामाजिक न्याय के खिलाफ
केशव प्रसाद मौर्या के बयान कि उनको सपा से जान का खतरा है के सवाल का जवाब देते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि हम जान गए है कि केशव प्रसाद मौर्य ठोस भाजपाई हैं, वो मुख्यमंत्री वगैरह अब नहीं बन सकते, वो उम्मीद खो चुके हैं. अखिलेश ने कहा कि हम सोचते थे कि वो सामाजिक न्याय के लिए कुछ काम करेंगे लेकिन अब पता लगा है कि वो सामाजिक न्याय के खिलाफ हैं, पिछड़े और दलितों के खिलाफ हैं, जब कभी पिछड़ों और दलितों की जान जाती है, हत्या होती है तो यही लोग बड़े खुश होते हैं चलो देखो हमने इनके साथ क्या किया।