- पीसी में पहुंचाते है वायरस वाले कोड
- क्यूआईएचओओ 360 के साइबर सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट झी जिन ने पकड़ा
गूगल क्रोम यूजर्स के लिए नया खतरा सामने आया है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रोम ब्राउजर को लेटेस्ट वर्जन से अपडेट करना बेहद जरूरी है. ऐसा न करने पर हैकर्स सिस्टम में मौजूद सेंसिटिव डेटा को चुरा सकते हैं.एक साइबर सिक्यॉरिटी फर्म के मुताबिक क्रोम ब्राउजर में दो नए खतरों का पता चला है, जो यूजर्स के डेटा को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं. रिसर्चर्स ने कहा है कि हैकर्स नए क्रोम 81 ब्राउजर से यूजर्स को अपना शिकार बनाने की कोशिश में हैं.
डेटा स्टोरेज फंक्शन्स को करता है प्रभावित
क्रोम ब्राउजर में आए इस खतरे को क्यूआईएचओओ 360 के साइबर सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट झी जिन ने पकड़ा. सीवीई-2020-6462 और सीवीई-2020-6461 नाम के इन दोनों बग को ‘यूज आफ्टर फ्री मेमरी’ से जुड़ी किसी खामी के तौर पर देखा जा रहा है. यह क्रोम के टास्क शेड्यूलिंग और डेटा स्टोरेज फंक्शन्स को प्रभावित करता है.बताया जा रहा है कि इनका गलत इस्तेमाल करके हैकर क्रोम ब्राउजर के जरिए कंप्यूटर या स्मार्टफोन में वायरस वाले कोड्स पहुंचा देते हैं. ऐसा करने से हैकर को यूजर के कंप्यूटर का पूरा एक्सेस मिल जाता है.
गूगल ने नहीं दी ज्यादा जानकारी
यूजर्स की प्राइवेसी और सिक्योरिटी को बनाए रखने के लिए गूगल ने इस खामी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है. ऐसा करके गूगल उन यूजर्स को हैकर अटैक से बचाना चाहता है जो अभी भी क्रोम के इंन्फेक्टेड वर्जन को यूज कर रहे हैं.
अमेरिकी सरकार ने भी किया अलर्ट
गूगल के साथ ही अमेरिका की साइबर सिक्यॉरिटी कंपनी (सीआईएसए) ने क्रोम 81 ब्राउजर में आए इस खतरे से यूजर्स को अलर्ट किया है. इसके साथ ही यूजर्स को सलाह दी गई है कि वे तुरंत अपने क्रोम ब्राउजर को अपडेट करें.
कौन सा वर्जन है सेफ?
क्रोम ब्राउजर में आई इस खामी को वर्जन 81.0.4044.129 अपडेट करके फिक्स किया जा सकता है. गूगल ने इस अपडेट को विंडोज समेत दूसरे सभी बड़े प्लेटफॉर्म्स के लिए रोलआउट कर दिया है. इसके साथ ही गूगल ने कहा कि आने वाले दिनों में यह यूजर्स के सिस्टम में इस अपडेट को ऑटोमैटिकली इंस्टॉल करेगा.