महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में फूट डालने के लिए उद्धव ठाकरे को ज़िम्मेदार बताते हुए तर्क दिया कि महाविकास अघाड़ी सरकार बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा से भटक गई थी इसलिए उन्होंने भाजपा के साथ आगे बढ़ना सही समझा. उद्धव ठाकरे पर बड़ा आरोप लगाते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के लिए बाला साहब के सिद्धांतों से समझौता किया और कांग्रेस से हाथ मिलाया। शिंदे ने कहा कि साहब ने हमेशा कांग्रेस से हाथ मिलाने का विरोध किया था.
शिंदे ने कहा कि में महाविकास अघाड़ी सरकार का हिस्सा था, लेकिन जो सरकार बनी, वह बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों के खिलाफ थी। शिवसेना और भाजपा का गठबंधन आगे बढ़ने का सही तरीका था। मुख्यमंत्री ने महायुति गठबंधन की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने व्यक्तिगत हितों से पहले जन कल्याण को प्राथमिकता दी। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने कई विकास परियोजनाओं को पुनर्जीवित किया है जो एमवीए के कार्यकाल के दौरान रुकी हुई थीं। आज वो गर्व से कह सकते हैं कि पिछले ढाई वर्षों में 72-80 प्रतिशत निष्पादन के साथ 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित किया है। एमवीए शासन के दौरान, महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर था, लेकिन जब हम आए, तो महाराष्ट्र जीडीपी, एफडीआई, जीएसटी और स्वच्छता में सबसे ऊपर है।
बता दें कि 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा के लिए मतदान 20 नवंबर को एक ही चरण में होगा और परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। भाजपा, शिवसेना और एनसीपी से मिलकर बनी सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन और कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) से मिलकर बनी विपक्षी महा विकास अघाड़ी सत्ता के मुख्य दावेदार हैं, हालांकि छोटी पार्टियाँ और निर्दलीय भी चुनावी मैदान में हैं।