उत्तर प्रदेश के बहराइच में हिंसा भड़काने के दो आरोपियों को 17 अक्टूबर को उस वक्त एक मुठभेड़ के दौरान गोली मार दी गई, जब वे नेपाल भागने की कोशिश कर रहे थे। जानकारी के अनुसार, पांच आरोपियों को उस समय गिरफ्तार किया गया है जब वे नेपाल भागने की कोशिश कर रहे थे, पुलिस की घेराबंदी के बाद हुई मुठभेड़ के दौरान उनमें से दो को मामूली चोटें आईं हैं.
मुठभेड़ में घायल हुए दो आरोपियों की पहचान सरफराज और फहीम के रूप में हुई है। दोनों के पैरों में चोटें आई हैं, दोनों अब्दुल हमीद के बेटे हैं जिनके घर की छत से कथित तौर पर मिश्रा पर गोली चलाई गयी थी जिसके परिणामस्वरूप 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आज की मुठभेड़ बहराइच के हांडा बसेहरी इलाके में नेपाल सीमा के पास हुई। जानकारी के अनुसार पुलिस को जब इन पांच लोगों की लोकेशन का पता चला जो बहराइच हिंसा के मुख्य अपराधी बताये जा रहे हैं, पुलिस ने इनकी घेराबंदी शुरू की. पुलिस के मुताबिक खुद को घिरा हुआ पाकर इन लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी, जवाब में पुलिस को भी फायरिंग करनी पड़ी जिसमें दो आरोपियों सरफ़राज़ और फहीम के पैरों में गोलियां लगीं और वो गिरफ्त में आ गए, उनके साथ उनके तीन और साथी भी गिरफ्तार हुए. ये सभी नेपाल भागना चाह रहे थे.
इससे पहले अब्दुल हमीद की बेटी रुखसार ने आशंका जताई थी कि उसके पिता और भाई मुठभेड़ में मारे जा सकते हैं। उसने कहा कि हमें किसी भी पुलिस स्टेशन से उनके बारे में कोई सूचना नहीं मिली है और हमें डर है कि वे मुठभेड़ में मारे जा सकते हैं।
बता दें कि बीते 13 अक्टूबर को हरदी थाना क्षेत्र के महसी इलाके के महराजगंज में मूर्ति विसर्जन के दौरान बवाल हो गया जब इलाके में निकल रहे जुलूस के दौरान कथित रूप से आपत्तिजनक नारे लगाए जा रहे थे. इसी दौरान राम गोपाल मिश्रा नाम के युवक ने एक मुस्लिम घर पर लगे हरे झंडे को उतारकर भगवा झंडा फहराया , इसके बाद दोनों पक्षों में बवाल बढ़ गया और इस दौरान मिश्रा को गोली मार दी गयी जिसे अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उसकी मौत हो गयी. मौत की खबर सुनते ही लोग भड़क उठे और दर्जनों दुकानों और वाहनों को आग लगा दी गयी. हालात इतने बेकाबू हो गए कि ADG लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश को पिस्तौल हाथ में लेकर मोर्चा संभालना पड़ा.