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G20 Summit 2023: G20 का तीसरा सत्र शुरू, सुनक ने किया कार्बन उत्सर्जन कम करने का आह्वान

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G20 Summit 2023: आज दिल्ली में तेज बारिश के बीच विश्व के राष्ट्रध्यक्षों ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद G20 Summit का तीसरा सत्र शुरू हुआ है। देश की राजधानी में चल रहे G20 Summit 2023 का आज दूसरा और आखिरी दिन है। G20 Summit में आए विश्व के राष्ट्रध्यक्षों ने भारत मंडपम में पौधारोपण कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इसके बाद सुबह करीब 10.30 बजे से एक और सेशन शुरू हुआ। जिसका नाम वन फ्यूचर (One Future) है।

G20 Summit की कई द्विपक्षीय चर्चाओं में हिस्सा लेंगे

G20 One Future पर चर्चा के बाद पीएम मोदी ने बैठक को संबोधित किया। पीएम मोदी G20 Summit की कई द्विपक्षीय चर्चाओं में हिस्सा लेंगे। आज तुर्की, फ्रांस, कनाडा, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, नाइजीरिया, कोमोरोस और यूएई के साथ बातचीत होगी। भारत के जी 20 प्रेसीडेंसी के मुख्य समन्वयक हर्ष वर्धन श्रृंगला ने बताया कि यह महत्वपूर्ण था क्योंकि, एक सामान्य बहुपक्षीय प्रक्रिया में, आपको परिणाम दस्तावेज़ पर आम सहमति प्राप्त करने के लिए किसी शिखर सम्मेलन के अंत तक जाना होता है। तथ्य यह है कि हम अपनी अध्यक्षता के पहले दिन अपने G20 भागीदारों के समर्थन से सर्वसम्मति दस्तावेज़ लेकर आए हैं। यह एक बेहद सकारात्मक है।

वन फ्यूचर पर चर्चा

उन्होंने कहा कि जी-20 सम्मेलन के दूसरे दिन तीसरा सत्र शुरू हो चुका है। इसके तहत वन फ्यूचर पर चर्चा हो रही है। तीसरे सत्र से पहले PM मोदी को इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पौधा सौंपा। जी20 परिवार को लेकर पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘प्रतिष्ठित राजघाट पर, जी20 परिवार ने शांति, सेवा, करुणा और अहिंसा के प्रतीक महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। जैसे-जैसे अलग-अलग राष्ट्र एकजुट हो रहे हैं। गांधी के शाश्वत आदर्श सामंजस्यपूर्ण, समावेशी और समृद्ध वैश्विक भविष्य के लिए हमारी सामूहिक दृष्टि का मार्गदर्शन करते हैं।

कार्बन उत्सर्जन कम करने का आह्वान किया

G20 सम्मेलन के दूसरे दिन यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने नेताओं से दिसंबर में COP28 शिखर सम्मेलन से पहले एक साथ काम करने का आह्वान किया। जिससे वे अपने देशों के कार्बन उत्सर्जन को कम कर सकें और जलवायु परिवर्तन के बुरे प्रभावों से निपटने के लिए कमजोर अर्थव्यवस्थाओं की मदद कर सकें।

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