उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने संभल में हुई हिंसा की हालिया घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें कम से कम पांच लोगों की जान चली गई। उत्तर प्रदेश गृह विभाग के आदेश के अनुसार, सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश देवेंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति को मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
दूसरी ओर, शाही जामा मस्जिद समिति संभल की जामा मस्जिद के सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले सिविल जज के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। मामले की सुनवाई आज सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ करेगी। मस्जिद समिति ने सिविल जज के आदेश और किसी अन्य सर्वेक्षण के आदेश पर रोक लगाने की भी मांग की है।
उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने गुरुवार को समिति के गठन का आदेश जारी किया। आदेश में कहा गया है कि जनहित में यह जांच करना आवश्यक है कि इस विवाद में न्यायालय द्वारा आदेशित सर्वेक्षण के दौरान 24 नवंबर, 2024 को हुई हिंसा की घटना पूर्व नियोजित थी या फिर एक सामान्य आपराधिक घटना, जिसके कारण कई लोगों की मौत हुई और निजी सम्पति को काफी नुकसान पहुंचा। 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के दूसरे सर्वे के दौरान एक समुदाय विशेष द्वारा पुलिसकर्मियों पर पथराव किए जाने के बाद संभल में तनाव बढ़ गया। इस बीच कुछ हमलावरों ने वाहनों में तोड़फोड़ और आग लगाने की कोशिश की और गोलीबारी हुई जिसमें पांच युवकों की मौत हो गई ।