प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को स्टार्टअप महाकुंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वादा किया कि वह अपने तीसरे कार्यकाल में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत ने स्टार्टअप-20 के तहत दुनिया भर के स्टार्टअप इकोसिस्टम को एक साथ लाने का प्रयास किया है। इसी भारत मंडपम में G-20 के Delhi Declaration में पहली बार स्टार्टअप को न सिर्फ शामिल किया गया, बल्कि उन्हें नेचुरल इंजन ऑफ़ ग्रोथ भी माना गया। भारत के यूथ पावर का सामर्थ्य आज पूरा विश्व देख रहा है। इस पोटेंशिअल पर भरोसा करते हुए देश ने स्टार्टअप इकोसिस्टम निर्माण की तरफ अनेक कदम उठाए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की स्टार्टअप क्रांति का नेतृत्व आज देश के छोटे शहरों के युवा कर रहे हैं। मुझे खुशी है कि आज एग्रीकल्चर, टेक्सटाइल, मेडिसिन, ट्रांसपोर्ट, स्पेस और यहां तक कि योग और आयुर्वेद के स्टार्टअप भी शुरू हो चुके हैं।उन्होंने कहा, ’25 लाख से अधिक स्टार्टअप और 110 यूनिकॉर्न के साथ, भारत दुनिया में तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में उभरा है और सही निर्णयों के साथ एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए रोडमैप तैयार कर रहा है। दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित ‘स्टार्टअप महाकुंभ’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम अब सिर्फ मेट्रो शहरों तक ही सीमित नहीं है, यह अब एक सामाजिक संस्कृति बन गया है।
मोदी ने कहा कि भारत के युवाओं ने नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी निर्माता बनने का रास्ता चुना है। उन्होंने कहा कि 45 प्रतिशत से अधिक भारतीय स्टार्टअप का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण कर दिया है, इसलिए इस क्षेत्र में ‘हैव्स’ और ‘हैव्स-नॉट्स’ का सिद्धांत काम नहीं कर सकता। मोदी ने कहा कि अंतरिम बजट में अनुसंधान और नवाचार के लिए घोषित एक लाख करोड़ रुपये के फंड से उभरते क्षेत्रों को मदद मिलेगी।