स्पेशल स्टोरी
टी 20 विश्व कप अपने पड़ाव की तरफ बढ़ चला है, सेमीफाइनल के लिए इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका दो टीमें फाइनल हो चुकी हैं, बाकि दो टीमें कल तक फाइनल हो जाएंगी। खास बात ये रही कि दोनों मेज़बान देश वेस्टइंडीज और अमेरिका टूर्नामेंट से बाहर हो चुके हैं. वेस्टइंडीज की टीम ने लीग मैचों में बहुत दमदार प्रदर्शन दिखाया लेकिन सुपर 8 में उनका प्रदर्शन वैसा नहीं रहा जैसा सेमी फाइनल में पहुँचने वाली टीम का होना चाहिए। जहाँ तक अमेरिका यानि यूएसए टीम की बात है तो उनके लिए सुपर 8 में पहुंचना ही विश्व कप जीतने के बराबर है, लीग मैच में पाकिस्तान को हराकर इस विश्व कप का सबसे बड़ा अपसेट करने वाली यूएसएस की टीम से लोग पता नहीं क्यों सुपर 8 में भी वैसी ही कुछ उम्मीदें लगा बैठे थे लेकिन सुपर 8 में ऐसा कुछ नहीं हुआ, सुपर 8 के अपने पहले मैच में साउथ अफ्रीका के खिलाफ भले ही यूएसए ने थोड़ा मुकाबला किया लेकिन बाकी दो मैचों में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज ने उनकी जमकर धुलाई की.
दरअसल अमेरिका और वेस्टइंडीज की प्लेइंग कंडीशंस में ज़मीन आसमान का फर्क था. अमेरिका में जितनी भी क्रिकेट खेली गयी वहां पर एक आम गेंदबाज़ भी काफी खतरनाक लग रहा था, वहां गेंदबाज़ से ज़्यादा पिच अपना कमाल दिखा रही थी, बड़े बड़े धुरंधर बल्लेबाज़ वहां रनों के लिए तरस रहे थे. इन कंडीशन में यूएसए के गेंदबाज़ों को फायदा मिला, फायदा इस लिए भी मिला कि उनके गेंदबाज़ों को रेगुलर टीमों ने कभी खेला भी नहीं था. अगर यूएसए के प्रदर्शन की बात करें तो लीग मैच में उन्होंने कनाडा को हराया, जो कोई बड़ी बात नहीं थी क्योंकि टीम के हिसाब से यूएसए की टीम कनाडा से काफी मज़बूत थी क्योंकि उसमें वेस्टइंडीज और भारतीय मूल के जो खिलाडी खेल रहे थे वो अपने पूर्व देशों में काफी क्रिकेट खेल चुके थे, उनके पास मैच क्रिकेट का अनुभव था, जहाँ तक पाकिस्तान की बात है तो उसमें यूएसए की जीत में उसके खिलाडियों से ज़्यादा पाकिस्तानी खिलाडियों का हाथ रहा था, वरना पाकिस्तान को मैच जीतने का दो बार मौका मिला था लेकिन शायद वो मैच पाकिस्तान को हारना और यूएसए को जीतना ही था. उसी एक मैच की बदौलत यूएसए की टीम और उसके कुछ खिलाडियों को काफी शोहरत मिली।
टीम के कुछ खिलाडियों ने वाकई अच्छा प्रदर्शन किया विशेषकर मध्यम पेस गेंदबाज़ नेत्रवालकर ने शानदार गेंदबाज़ी का प्रदर्शन किया, उन्होंने न सिर्फ विकेट चटकाए बल्कि किफायती गेंदबाज़ी भी की. उनकी गेंदबाज़ी यूएसए में अच्छी रही थी और वेस्टइंडीज में काफी कारगर रही, टीम के अन्य गेंदबाज़ों की कलई वेस्टइंडीज में आकर खुल गयी, बल्लेबाज़ी में नितीश कुमार ने काफी प्रभावित किया, उनके बल्ले से कई अच्छी पारियां निकलीं। आरोन जोंस, एंड्रिएस ग़ौस और स्टीवन टेलर ने काफी प्रभावित किया। न्यूज़ीलैण्ड के पूर्व क्रिकेट खिलाडी कोरी एंडरसन ने ज़रूर निराश किया, क्योंकि उनके पास इंटरनेशनल क्रिकेट का काफी तजुर्बा था लेकिन वो अपने उस तजुर्बे को अपनी टीम के लिए इस्तेमाल न कर सके. फिर भी यूएसए की टीम ने इस विश्व कप में लोगों का ध्यान आकर्षित किया। स्पोर्ट्स के पन्नों पर उसे काफी जगह भी मिली।