भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह आज शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। दिल्ली के निगम बोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया, उनकी बेटियों ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम मोदी, लोकसभा में नेता राहुल गांधी, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, राजयसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे , लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समेत कई सैकड़ों नेता वहां मौजूद थे। आर्थिक सुधारों के महानायक मनमोहन सिंह को आज पूरा देश और दुनिया याद कर रही है।
इससे पहले दो बार के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर आज सुबह उनके आवास से कांग्रेस मुख्यालय लाया गया। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर का कांग्रेस कार्यालय में आम जनता और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जिनमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई दिग्गज नेता शामिल रहे। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर अपनी अंतिम यात्रा के लिए निगम बोध घाट रवाना हुआ।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 26 दिसंबर की रात दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। 92 साल के मनमोहन सिंह पिछले कुछ समय से काफी बीमार चल रहे थे। मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक दस साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने देश की मृत पड़ी अर्थव्यवस्था को खड़ा करने में अहम योगदान दिया है। आर्थिक सुधारों की नीतियों को लागू करके उन्होंने सभी बाज़ार को खोला जिससे अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने में मदद मिली। प्रधानमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह ने सूचना क्रांति, मनरेगा, किसानों की कर्जमाफी और शिक्षा के अधिकार, राइट टू फ़ूड, आधार जैसे ऐतिहासिक कदम उठाए। सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) जैसी लाभकारी योजनाएं शुरू कीं। 1991 में वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने देश को आर्थिक संकट से बचाया था इसलिए उन्हें आर्थिक सुधारों का सुपरस्टार कहा जाता है।