18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हो गया है। इस बार लोगों की नज़रें सत्ता पक्ष से ज़्यादा विपक्ष पर थी जो आज नए तेवर और नए क्लेवर और फ्लेवर में नज़र आया, संसद भवन में प्रवेश के समय सभी विपक्षी सांसदों के हाथों में संविधान की वो लाल रंग की कपये नज़र आयी जो चुनाव के समय राहुल गाँधी के हाथों में दिखाई देती थी.
संसद में प्रवेश से पहले सभी विपक्षी दलों के सांसदों ने एकता का प्रदर्शन करते हुए महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने खड़े होकर फोटो खिंचवाई। उनके हाथों में लाल रंग के संविधान की कॉपी थी , वहीँ अखिलेश यादव भी अपने दल बल के साथ संसद भवन जाते हुए नज़र आये, उनकी पार्टी के सभी विधायकों के हाथों में भी संविधान की कॉपी थी.
वहीं प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी अपना अहंकार नहीं भूली है। हम देख सकते हैं कि वे देश के प्रमुख मुद्दों की अनदेखी कर रहे हैं। के सुरेश को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए जाने पर भारत का पूरा दलित समुदाय एक ऐतिहासिक दृश्य देख सकता था। आज भाजपा ने न केवल कांग्रेस, भारत गठबंधन और के सुरेश को नजरअंदाज किया है, बल्कि पूरे दलित समुदाय को नजरअंदाज किया है।
इससे पहले आज सुबह 10 बजे भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ दिलाई। इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू भी मौजूद थे। दूसरी ओर कांग्रेस प्रोटेम स्पीकर का विरोध कर रही है। विपक्ष का कहना है कि सरकार ने नियमों को दरकिनार कर उन्हें प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। उनकी जगह के सुरेश को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाना चाहिए था। वे 8वीं बार सांसद बने हैं जबकि भर्तृहरि महताब 7वीं बार सांसद बने हैं।