पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगट जीतकर भी हार गयी, उन्हें एक मामूली सी गलती की इतनी बड़ी सजा मिली कि उन्हें वो सिल्वर मैडल नहीं मिला जिसकी वो हकदार थीं, वो मामूली गलती किसकी वजह से हुई, एक जांच का विषय है, वो गलती कोई साज़िश भी हो सकती है क्योंकि पिछले कुछ महीनों में हुई घटनाओं को अगर सामने रखेंगे तो इससे इंकार भी नहीं किया जा सकता। बहरहाल ये एक जटिल विषय है, इसके पीछे वजह क्या थी इसका खुलासा आज नहीं तो कल हो ही जायेगा। बहरहाल विनेश ने पहले दुनिया की नंबर एक पहलवान को उसके जीवन की पहली हार का स्वाद चखाया और फिर फाइनल तक पहुंची, ऐसा करने वाली वो पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं, पदक भले ही नहीं मिला लेकिन देशवासियों ने उन्हें गले लगाया, निराशा की घड़ी में वो उनके साथ खड़े नज़र आये. हर किसी को विनेश की उपलब्धि पर गर्व था लेकिन वहीँ कुछ लोग ऐसे भी थे जो विनेश की इस कामयाबी से खुश नहीं थे. हैरानी की बात ये है कि जब पूरा देश विनेश के साथ खड़ा है तब विनेश की बहने गीता और बबीता उनके ऊपर तंज़ के तीर छोड़ रही हैं.
गीता ने अपनी एक एक्स पोस्ट में विनेश पर अपरोक्ष रूप से हमला करते हुए लिखा कि कर्म का परिणाम सरल है ‘छल का फल छल है’ आज नहीं तो कल. वहीँ बबिता ने भी किसी का नाम लिखकर एक पोस्ट कि जिसमें लिखा कि हर सफलता एक हार है जिसका एकमात्र उद्देश्य सभी को नीचे गिराना है। गीता के पति पवन कुमार सरोहा ने भी प्रार्थना की कि भगवान् विनेश को उसे शुद्ध बुद्दि दे.
दरअसल ओलंपिक के सपने टूटने के बाद विनेश ने शुक्रवार शाम को एक भावुक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने पेरिस खेलों में मिली असफलता के बाद की अपनी पीड़ा बताई। अपने बयान में, उन्होंने कुश्ती के सफर में उनकी सहायता करने वाले कई व्यक्तियों के प्रयासों की सराहना की लेकिन इन नामों में उनके चाचा महावीर फोगट का नाम भी शामिल नहीं था। यह बात विनेश की बहनों गीता और बबीता को नागवार लगी। दोनों ने ‘X’ पर विनेश का नाम लिए बिना कटाक्ष भरे पोस्ट किये।
विनेश शनिवार की सुबह भारत लौटीं और उन्हें नई दिल्ली हवाई अड्डे पर ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने रिसीव किया और कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने स्वागत किया। पहलवान का आईजीआई एयरपोर्ट के बाहर सैकड़ों समर्थकों की भीड़ के बीच जोरदार स्वागत किया गया।