कभी कभी अधिकारी अपने अफसरी के रौब में कुछ ऐसी बात कह जाते हैं कि उन्हें लेने के देने पड़ जाते हैं. मध्य प्रदेश के शाजापुर में ड्राइवर से उसकी औकात पूछने वाले जिला कलेक्टर किशोर कन्याल भी ऐसे ही अधिकारियों में हैं, ड्राइवर की औकात पूछने वाले कलेक्टर की साहब की खुद की औकात अब खतरे में पड़ गयी क्योंकि सोशल मीडिया पर औकात पूछने वाला वीडियो ऐसा वायरल हुआ कि मध्य प्रदेश की सरकार को मजबूरन एक्शन लेना ही पड़ा और उन्हें पद से हटाना ही पड़ा। मजबूरन इसलिए कि आम तौर पर भाजपा शासित राज्यों में अधिकारीयों के खिलाफ इतने त्वरित एक्शन बहुत कम लिए जाते हैं.
कलेक्टर साहब को हटाने के बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि वो स्वयं एक मज़दूर के बेटे हैं, किसी भी अधिकारी को इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि भाजपा सरकार में सभी का सम्मान होता है. उन्होंने कि प्रधानमंत्री गरीबों की सेवा में लगे हैं, उन्होंने कहा कि इंसानियत ही हम लोगों की भाषा होना चाहिए।
बता दें कि ट्रक ड्राइवर्स की हड़ताल के बीच कल शाजापुर के कलेक्टर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें वह ड्राइवरों के साथ एक बैठक के दौरान एक ड्राइवर से उसकी ‘औकात’ पूछते नजर आ रहे हैं. वो ड्राइवर से कह रहे हैं कि तुम्हारी औकात ही क्या है, ड्राइवर भी जवाब में कहता है कि साहब औकात की पहचान के लिए ही तो सड़क पर उतरे हैं. दोनों के बीच हुई इस वार्तालाप का वीडियो वायरल होने के बाद हंगामा मच गया और फिर कलेक्टर साहब ने सामने आकर अपने शब्दों के लिए अफ़सोस जताया मगर मामला काफी तूल पकड़ चूका था। मध्य प्रदेश की नयी सरकार के नए मुख्यमंत्री को मामला संज्ञान में लेना ही पड़ा और साथ में कलेक्टर साहब को उनकी औकात भी बतानी पड़ी.