भारतीय टीम के सहायक कोच रेयान टेन डोएशेट का मानना है कि श्रीलंका के खिलाफ टीम शीर्ष श्रेणी के बल्लेबाज स्पिन के खिलाफ विफल रहे जिसकी वजह से 27 साल बाद भारत 2-0 से श्रीलंका के हाथों टेस्ट सीरीज हार गया। डोएशेट ने माना कि विदेश में अच्छा प्रदर्शन करने की चाहत ने भारतीय बल्लेबाजों की स्पिन खेलने की क्षमता को प्रभावित किया है और उनका काम महत्वपूर्ण सत्र से पहले उन्हें फिर से इसमें पारंगत बनाना है जिसमें पांच घरेलू टेस्ट भी शामिल हैं।
डोएशेट ने कहा कि टीम की मानसिकता ऐसी रही है कि हम विदेश में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बेताब हैं। हमारा ध्यान ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में अच्छा प्रदर्शन करने पर है। स्पिन गेंदबाज़ी खेलना भारतीय टीम की ताकत रही है लेकिन अब हम इसमें थोड़ा पिछड़ गए हैं और इसकी वजह है कि टीम इंडिया का ज़्यादा ध्यान विदेशी दौरों पर जीत हासिल करने में रहता है विशेषकर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के दौरों पर जहाँ तेज़ गेंदबाज़ी ज़्यादा होती है। डोएशेट ने कहा, भारत को सितंबर-अक्टूबर में अपने मैदानों पर बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच टेस्ट खेलने हैं। दोनों ही टीमों के पास अच्छे स्पिनर हैं, खासकर बांग्लादेश के पास।
बता दें कि पूर्व डच खिलाड़ी अभिषेक नायर के साथ मुख्य कोच गौतम गंभीर की सहायता करेंगे। डॉयचे ने कहा कि टीम अगले साल चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के लिए भी बेताब है। उन्होंने कहा, “चैंपियंस ट्रॉफी फरवरी 2025 होनी है। हमें केवल तीन वनडे मैच ही खेलने को मिलेंगे, इसलिए फॉर्मेट के बीच स्विच करना और टीम को उसके लिए तैयार करना वाकई में चैलेंजिंग होगा।
डोएश ने कहा कि अगले साल जून में होने वाले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के लिए क्वालीफाई करना टीम इंडिया के लिए एक और महत्वपूर्ण लक्ष्य है। भारत फिलहाल WTC तालिका में शीर्ष पर है और ऑस्ट्रेलिया उसके काफी करीब है। डोएश भारत द्वारा खेले जाने वाले 10 टेस्ट मैचों का उपयोग टीम की स्थिति को मजबूत करने के लिए करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “हम WTC फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के लिए उत्सुक हैं, बचे हुए 10 टेस्ट में ऐसा करने का शानदार अवसर है।