depo 25 bonus 25 to 5x Daftar SBOBET

Driving license: ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों में होगा बदलाव? SC ने Government से पूछा सवाल

नेशनलDriving license: ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों में होगा बदलाव? SC ने Government...

Date:

Driving license Rules: सुप्रीम कोर्ट ने आज बुधवार को केंद्र सरकार से पूछा कि क्या ड्राइविंग लाइसेंस देने की व्यवस्था के कानून में बदलाव जरूरी है? कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या हल्के मोटर वाहन के लिए ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति कानूनी तौर पर एक विशेष वजन के परिवहन वाहन चलाने के हकदार है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या इस कानूनी सवाल पर कानून में बदलाव जरूरी है।

सुप्रीम कोर्ट ने आज बुधवार को केंद्र सरकार से पूछा कि क्या ड्राइविंग लाइसेंस देने की प्रक्रिया जारी करने के लिए कानून में बदलाव जरूरी है? कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी पूछा कि क्या ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाले हल्के मोटर वाहन के व्यक्ति कानूनी तौर पर विशेष वजन के परिवहन

वाहन चलाने का हकदार है या नहीं?

चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने देश में लाखों लोगों की आजीविका को प्रभावित करने वाले नीतिगत मुद्दे को देखते हुए यह टिप्पणी की हैै। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि सरकार को इस मामले पर नये सिरे से विचार करना चाहिए। सीजेआई ने इसी के साथ इस बात पर जोर दिया कि इस पर नीति स्तर पर विचार करने की गंभीरता से जरूरत है।

दो महीने के भीतर प्रक्रिया को पूरा करे सरकार

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह दो माह के भीतर इस प्रक्रिया को पूरा करे और लिए निर्णय से उसे अवगत कराए। कोर्ट ने कहा है कि कानून की किसी व्याख्या में सड़क सुरक्षा और सार्वजनिक परिवहन के अन्य उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा की चिंताओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
शीर्ष कोर्ट ने इस मामले में पहले कानूनी सवाल से निपटने के लिए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी की मदद मांगी थी। जिसमें कोर्ट ने कहा था कि क्या हल्के मोटर वाहन के लिए ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति कानूनी रूप से एक विशेष वजन के वाहन को चलाने का हकदार है।
संविधान पीठ ने कहा था कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की स्थिति जानना जरूरी है। क्योंकि यह तर्क दिया गया था कि मुकुंद देवांगन बनाम ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के मामले में। सुप्रीम कोर्ट के 2017 के फैसले को केंद्र ने स्वीकार कर लिया था। केंद्र ने नियमों में संशोधन किया था।

क्या है मुकुंद देवांगन मामला?

मुकुंद देवांगन मामले में Supreme Court की तीन जजों की bench ने माना था कि transport vehicle, जिनका वजन 7,500 Kg से ज्यादा नहीं है, को LMV category से बाहर नहीं रखा है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ में जस्टिस हृषिकेश रॉय, पीएस नरसिम्हा, पंकज मिथल और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल थे। पीठ ने कहा था कि देश भर में लाखों ड्राइवर हो सकते हैं जो देवांगन फैसले के आधार पर काम कर रहे हैं। यह कोई संवैधानिक मुद्दा नहीं है। यह पूरी तरह से एक वैधानिक मुद्दा है।

कोर्ट ने आगे कहा, “यह सिर्फ कानून का सवाल नहीं है, बल्कि कानून के सामाजिक प्रभाव का भी सवाल है। सड़क सुरक्षा को कानून के सामाजिक उद्देश्य के साथ संतुलित किया जाना चाहिए और आपको यह देखना होगा कि क्या इससे गंभीर परेशानियां पैदा होती हैं। हम सामाजिक मुद्दों का फैसला संविधान पीठ में नहीं कर सकते।”

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related