महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चल रही ख़बरों और राजनीतिक स्थितियों के लिए अपरोक्ष रूप मोदी और शाह को ज़िम्मेदार ठहराते हुए शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के दावेदार देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ़ टालमटोल करने और नाराज़गी जताने की हिम्मत कभी नहीं होती, जब तक कि उन्हें दिल्ली में किसी ‘महाशक्ति’ का समर्थन न मिलता।
शिवसेना यूबीटी नेता ने कहा कि आपको यह समझना चाहिए कि एकनाथ शिंदे उन लोगों के नेता हैं, जो प्रवर्तन निदेशालय और अन्य एजेंसियों द्वारा धमकी दिए जाने पर शिवसेना छोड़कर भाग गए थे। इसलिए शिंदे दिल्ली में किसी ‘महाशक्ति’ के समर्थन के बिना देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ़ नाराज़गी जताने या नाराज़गी जताने की हिम्मत नहीं कर सकते। मुझे लगता है कि देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ़ एकनाथ शिंदे की नाराज़गी और नाराज़गी के पीछे दिल्ली में कोई महाशक्ति है। संजय राउत ने परोक्ष रूप से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा, महाराष्ट्र में जो कुछ हो रहा है, वह यह है कि दिल्ली से आने वाली ढोल की थाप पर कई लोग नाच रहे हैं।
राउत ने कहा कि प्रचंड बहुमत मिलने के बावजूद महाराष्ट्र में सरकार बनाने में देरी शर्मनाक बात है। उन्होंने कहा कि 23 नवंबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के 10 दिन से अधिक समय बीत जाने के बावजूद किसी भी पार्टी या गठबंधन ने सरकार बनाने का दावा नहीं किया है और न ही उन विधायकों की सूची दी है जो इसका समर्थन कर रहे हैं। राउत ने कहा कि हालांकि भाजपा के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने आगे बढ़कर 5 दिसंबर को आजाद मैदान में शपथ ग्रहण की तारीख घोषित की है, लेकिन महाराष्ट्र के राज्यपाल ने अभी तक किसी को भी सरकार बनाने के लिए आमंत्रित नहीं किया है।
राउत ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को ‘डुप्लीकेट शिवसेना’ भी कहा। संजय राउत ने कहा, मुख्यमंत्री का नाम अभी तक फाइनल नहीं हुआ है। यह सब कौन कर रहा है? यह सब दिल्ली से खेला जा रहा खेल है। राउत ने महायुति की पार्टियों पर हमला करते हुए कहा कि इन लोगों को ईवीएम की पूजा करनी चाहिए, उन्हें मंदिरों में रखना चाहिए।