बांग्लादेश सीरीज़ में बल्ले से बुरी तरह नाकाम रहने वाले कार्यकारी कप्तान के एल राहुल (KLR) को टेस्ट श्रंखला में भले ही 2-0 से कामयाबी मिली हो लेकिन पहले टेस्ट के हीरो कुलदीप यादव को दूसरे टेस्ट में बाहर बिठाने के उनके फैसले की खूब आलोचना हुई. कई दिग्गज पूर्व क्रिकेटर्स ने इस फैसले की सख्त आलोचना की, कुछ ने तो इसे अप्रत्याशित तक बताया लेकिन भारतीय कप्तान को अपने इस फैसले पर कोई पछतावा नहीं है. राहुल ने यह बात बहुत मुश्किल से तीन विकेट से मैच जीतने के बाद एक सवाल के जवाब में कही.
कुलदीप को नहीं खिलाने पर चुप्पी तोड़ी
बता दें कि पहले टेस्ट में एक पंजे समेत आठ विकेट लेकर टीम इंडिया को एक बड़ी जीत दिलाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव को प्लेइंग-11 में जगह नहीं मिली थी। आज मैच के बाद कप्तान रहे केएल राहुल ने कुलदीप यादव को नहीं खिलाने पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि उन्हें अपने फैसले पर कोई पछतावा नहीं है. अलबत्ता यह बात ज़रूर कही कि अगर टेस्ट मैच में इम्पैक्ट प्लेयर का नियम लागू होता तो वो ज़रूर कुलदीप को दूसरी पारी में इस्तेमाल करते। राहुल की यह बात अपने आप में इस बात को स्वीकारना है कि कुलदीप को नहीं खिलाने का उनका फैसला गलत था.
फैसलों को सही बताने में फंस गए राहुल
राहुल ने कहा कि कुलदीप को बाहर रखना एक मुश्किल फैसला था क्योंकि वो पिछले मैच का प्लेयर ऑफ द मैच था लेकिन पिच को देखते हुए उन्हें लगा कि यहाँ तेज़ गेंदबाज़ों को मदद मिलेगी और तेज़ गेंदबाज़ों ने विकेट लिए भी, उनका कहने का मतलब था कि उनका फैसला सही था लेकिन इम्पैक्ट प्लेयर की बात कहकर राहुल फंस गए, लोगों को पता चल गया कि उन्हें एहसास था कि कुलदीप को बाहर करने का फैसला गलत था. अब ये फैसला सिर्फ उनका था या फिर इसमें राहुल द्रविड़ भी शामिल थे कहना मुश्किल है.