अमित बिश्नोई
धोनी ने दिसंबर 2014 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. बीते कई दिनों से इस विकेटकीपर बल्लेबाज के संन्यास को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं. धोनी ने वर्ल्ड कप के बाद दो महीने का ब्रेक लिया था. वह वेस्ट इंडीज दौरे पर टीम के साथ नहीं थे और भारतीय सेना के साथ काम करने चले गए थे. धोनी ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज में भी नहीं खेलने का फैसला किया.
आईपीएल से करने वाले थे वापसी
बता दें धोनी बीते साल वर्ल्ड कप 2019 के बाद इस साल आईपीएल से क्रिकेट मैदान पर वापसी करने वाले थे, लेकिन 29 मार्च से शुरू होने वाले इस टूर्नमेंट पर वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने ब्रेक लगा दिया और यह टूर्नमेंट अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया. अब इस टूर्नमेंट के सितंबर नवंबर में आयोजित होगा.
सेलेक्टर्स ने दे दिया था इशारा
सिलेक्टर्स ने बाद में कहा कि धोनी ने ऑस्ट्रेलिया में होने वाले वर्ल्ड टी20 को ध्यान में रखते हुए उन्हें वक्त दिया है. धोनी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को लेकर काफी समय से चर्चाएं चल रही हैं. ऐसे संकेत भी मिल रहे हैं कि चयनकर्ताओं ने अब ऋषभ पंत को भविष्य के लिए तैयार करने का मन बना लिया है. इसके साथ ही संजू सैमसन, ऋद्धिमान साहा और ईशान किशन भी विकेटकीपर बल्लेबाज के दावेदार हैं.
28 वर्ष बाद भारत बना विश्व चैंपियन
झारखंड क्रिकेट से उठकर धोनी भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे कामयाब कप्तानों तक पहुंचे. उनकी कप्तानी में ही भारत ने पहले वर्ल्ड टी20 का खिताब जीता था. 2007 में युवा टीम के साथ धोनी ने यह करिश्मा किया था. इसके बाद श्रीलंका के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम में 2 अप्रैल 2011 को उनकी कप्तानी में भारत ने करीब 28 साल बाद वर्ल्ड कप (50 ओवर) की ट्रोफी पर कब्जा किया था. फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ लगाया गया वह विजयी छक्का भला कौन भूल सकता है.
इस पारी ने दी चमक
धोनी ने अपने अंतरराष्ट्रीय वनडे करियर की शुरुआत 2004 में की थी. अपने पांचवें वनडे इंटरनैशनल मैच में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ विशाखापत्तनम में ताबड़तोड़ 148 रनों की पारी खेली थी. 5 अप्रैल 2005 के इस मैच ने धोनी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के मंच पर चमका दिया था.
पाकिस्तान को हराकर बने टी-20 में विश्व विजेता
इसके बाद धोनी ने कभी मुड़कर नहीं देखा. वह भारत के सबसे लोकप्रिय क्रिकेटर भी बने. धोनी को टी20 टीम का कप्तान बनाया गया जब वरिष्ठ खिलाड़ियों ने साउथ अफ्रीका में हुए पहले वर्ल्ड टी20 में खेलने से इनकार कर दिया था. भारत ने फाइनल में चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर ट्रोफी जीती थी. धोनी की कप्तानी में ही भारत आईसीसी टीम टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन की पोजिशन पर पहुंचा था.