उम्मीद के अनुसार महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने शिंदे गुट को असली शिवसेना मान लिया। इसका मतलब शिंदे गुट का अब कोई भी विधायक अयोग्य नहीं है, इसका मतलब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कुर्सी को भी कोई खतरा नहीं है. बता दें कि चुनाव आयोग ने भी शिंदे गुट को असली शिवसेना माना था और स्पीकर ने उसी फैसले पर मोहर लगा दी है. स्पीकर का ये फैसला उद्धव गुट के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
अपना फैसला पढ़ते हुए राहुल नार्वेकर ने कहा कि एकनाथ शिंदे को नेता पद से हटाए जाने का उद्धव ठाकरे पास कोई अधिकार नहीं था. ये फैसला राष्ट्रीय कार्यकारिणी में होना चाहिए था. नार्वेकर ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने शिंदे गुट की शिवसेना को ही असली माना है और अपने फैसले में मैंने इसी को ध्यान में रखा है. बता दें कि 16 विधायकों की अयोग्यता का यह मामला जून 2022 से चल रहा है उस समय एकनाथ शिंदे ने बगावत कर शिवसेना में दोफाड़ कर दिए थे. नार्वेकर ने कहा कि शिवसेना शिंंदे गुट के पास 37 विधायकों का बहुमत है. स्पीकर ने कहा कि दोनों ही गुट खुद को असली शिवसेना बता रहे हैं लेकिन हमने चुनाव आयोग के रिकॉर्ड को सही माना क्योंकि उसके रिकॉर्ड में शिंंदे गुट ही असली शिवसेना है.
स्पीकर नार्वेकर ने कहा कि विधानमंडल में जिसके पास बहुमत होता है पार्टी भी उसी की होती है. एकनाथ शिंंदे पार्टी के नियमों तक तहत ही नेता बने हैं. नार्वेकर ने कहा कि उद्धव ठाकरे शिंंदे को नहीं हटा सकते क्योंकि शिंंदे को हटाने के लिए उद्धव के पास बहुमत नहीं था. अगर शिंदे को हटाया जाना था तो इसका फैसला राष्ट्रीय कार्यकारिणी को करना चाहिए था.
बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना जून 2022 में बगावत के बाद विभाजित हो गयी थी. इसके बाद भाजपा के समर्थन से एकनाथ शिंदे की सरकार बनी, उस समय शिवसेना के 40 में से 16 विधायकों पर अयोग्यता की तलवार लटक गई थी. उद्धव ठाकरे गुट ने व्हिप का पालन न करने के आरोप में इन विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचने पर ये मामला वापस विधानसभा अध्यक्ष के पास आ गया, शीर्ष अदालत के मुताबिक स्पीकर को ही इस मामले में फैसला लेने का पहला अधिकार है. स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले को शिवसेना उद्धव गुट ने मौका परस्ती और जनता के फैसले के साथ नाइंसाफी बताया है.