जातिगत जनगणना आज सदन में सपा की चर्चा का मुख्य बिंदु रही. सपा विधायकों ने इस मुद्दे पर जमकर हंगामा भी किया, यहाँ तक की थोड़ी देर के लिए सदन को स्थगित भी किया गया. शिवपाल यादव विधायकों के साथ धरने पर भी बैठे, नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे को प्राथमिकता से उठाया। वहीँ जातिगत जनगणना पर सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्या ने भी बयान दिया है.
अंग्रेज़ों के समय में भी होती थी जातिगत जनगणना
स्वामी मौर्य ने कहा कि जब अंग्रेजों के समय में भी जातिगत जनगणना की जाती रही है, तो अब क्यों नहीं की जा रही है, उन्होंने कहा कि लंबे समय से समाजवादी पार्टी जातिगत जनगणना की मांग कर कर रही है ताकि सबको उनका अधिकार मिल सके। रामचरित मानस विवाद पर सपा नेता ने कहा कि हमने किसी भी धर्म का अपमान नहीं किया है, हम सिर्फ महिलाओं पिछड़ों और दलितों के हितों की बात करते हैं।
सपा सरकार बनने पर तीन में होगी जातिवार जनगणना
वहीँ नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने अपने भाषण में कहा कि अगर बिहार में जातीय जनगणना हो सकती है, तो यूपी में क्यों नही हो सकती? उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत के बड़े नेता भी जातीय जनगणना चाहते हैं। अखिलेश ने कहा कि सरकार अगर जातीय जनगणना के खिलाफ है तो आउटसोर्सिंग के खिलाफ क्यो नहीं है। उन्होंने कहा कि बजट में आप डेटा सेंटर बना रहे हैं लेकिन जातीय जनगणना के खिलाफ हैं। अखिलेश ने बड़ा वादा करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर तीन माह में जातीय जनगणना कराई जाएगी . वहीँ सपा विधायक संग्राम सिंह ने भी जातिगत जनगणना को लेकर सरकार से सवाल पूछा। उन्होने कहा कि आज जातिवार जनगणना को लेकर के जनता आंदोलित है।