मेरठ । साल 2022 में 30 अप्रैल को पड़ने वाले पहले सूर्यग्रहण के दिन वह भी शनिचरी अमावस्या पर पड़ने वाला सूर्यग्रहण ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन के प्रभाव से पड़ने वाली हर घटनाएं बेहद महत्वपूर्ण हैं। शनिचरी सूर्यग्रहण मनुष्य को बेहद प्रभावित करते हैं। ज्योतिषशास्त्र में इसके बारे में कई मान्यताएं व महत्व और सूर्यग्रहण के प्रभाव बताए गए हैं। यह बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य डॉ शिव बहादुर तिवारी ।
आचार्य डॉ तिवारी ने बताया कि ज्योतिषशात्र के अनुसार सूर्य ग्रहण अमावस्या तिथि को पड़ते हैं। ग्रहण के दिन कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। हालांकि इस दिन पूजा-पाठ, स्नान और दान का विशेष महत्व बताया गया है। उन्होंने कहा कि ग्रहण के दिन लोग गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। पुरानी परंपरा एवं मान्यताओं के अनुसार सूर्यग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए । जिससे कि उनके गर्भ में पल रहे शिशु पर किसी नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव न पड़े।
आचार्य श्री ने बताया कि ग्रहण के 12 घंटे पहले और 12 घंटे बाद के समय को सूतक काल के रूप में जानते हैं। सूतक काल के दौरान कोई भी नया काम नहीं करना चाहिए। इस दौरान मंदिरों के कपाट भी भक्तों के लिए खोले नहीं जाते ,बल्कि बंद रखे जाते हैं।
आचार्य श्री ने बताया कि 30 अप्रैल को साल का पहला सूर्यग्रहण लगने वाला है । साल का पहला सूर्य ग्रहण शनिचरी अमावस्या के दिन लगने जा रहा है । 30 अप्रैल के दिन शनिवार और अमावस्या होने के चलते इसे शनिचरी अमावस्या कहा जा रहा है ।
आचार्य श्री तिवारी ने बताया कि यह सूर्यग्रहण भारतवर्ष में दिखाई नहीं देने के कारण माना जा रहा है कि इस ग्रहण में सूतक नहीं लगेगा । उन्होंने कहा कि 30 अप्रैल को लगने वाला पहला सूर्य ग्रहण आंशिक होने वाला है । आंशिक सूर्यग्रहण वह ग्रहण होता है जिसमें चंद्रमा सूर्य के केवल एक हिस्से को ही आंशिक रूप से ढकता है यानी पूर्ण रूप से सूर्य पर ग्रहण नहीं लगता ।
आधी रात में लगेगा शनिचरी सूर्यग्रहण:-
आचार्य डॉ शिव बहादुर तिवारी ने बताया कि इस बार माना जा रहा है कि साल का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल की मध्य रात्रि में लगने वाला है. यह ग्रहण रात 12 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर सुबह 4 बजकर 7 मिनट तक रहेगा. योग साधकों के लिए यह उत्तम समय रहेगा ।