लोकसभा चुनाव के छठे चरण का मतदान कल यानि 25 मई को होना है, चुनाव आयोग ने सारी तैयारी कर ली है। कल यूपी की 14 सीटों के लिए वोट पड़ने हैं , इन 14 सीटों में सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, बस्ती, फूलपुर, इलाहाबाद, डुमरियागंज, संतकबीरनगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही सीट पर मतदान होना है. पिछले लोकसभा चुनाव की बात करें तो इन 14 सीटों में से 9 सीटें भाजपा ने जीती थी लेकिन इसबार उनके लिए अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराना एक कड़ी परीक्षा होगी क्योंकि इस बार पिछले चुनाव जैसा माहौल भाजपा और मोदी जी के पक्ष में दिखाई नहीं दे रहा है.
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक इस बार सभी 14 सीटों पर काफी कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है. यूपी के इस छठे दौर में एक तरफ जहाँ अखिलेश यादव ने PDA का दांव चला है वहीँ भाजपा ने एक बार फिर सवर्णों पर भरोसा जताया है. ऐसे में उम्मीदवार का अपना महत्त्व ज़्यादा बढ़ जाता है. इसलिए जिस सीट पर जिस पार्टी का उम्मीदवार अपने तौर पर कोई करिश्मा करने में कामयाब होगा उसे पार्टी काडर का पूरा लाभ मिलेगा और उसके जीत की संभावनाएं ज़्यादा रहेंगी। दूसरे शब्दों में पार्टी या गठबंधन के साथ उम्मीदवार का चेहरा और पहचान काफी मायने रखेगा.
इस चरण की 14 सीटों में से बहुजन समाज पार्टी को श्रावस्ती, अंबेडकरनगर, लालगंज, जौनपुर और सपा को एक सीट आजमगढ़ में जीत हासिल हुई थी. वहीँ भाजपा को सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, बस्ती, फूलपुर, इलाहाबाद, डुमरियागंज, संतकबीरनगर, आजमगढ़, और भदोही में कामयाबी हासिल हुई थी. पिछली बार जहाँ बुआ और बबुआ यानि अखिलेश और मायावती मिलकर चुनाव लड़े वहीँ इस बार अखिलेश और राहुल गाँधी की जोड़ी इंडिया गठबंधन के रूप में साथ में है. इन 14 सीटों में इंडिया गठबंधन की तरफ से प्रयागराज सीट पर कांग्रेस के उज्जवल रमन सिंह मैदान में हैं वहीँ सपा ने भदोही की सीट TMC को सहयोगी के रूप में दी है जहाँ से ललितेश त्रिपाठी मैदान में हैं, बाकी 12 सीटों पर समाजवादी पार्टी चुनाव लड़ रही है, इसलिए अखिलेश के लिए ये चरण काफी महत्त्व का है.