दिल्ली विधानसभा की तस्वीर अब धीरे साफ़ होने लगी है और साफ़ होती तस्वीर के पीछे भाजपा मुस्कराते और आम आदमी पार्टी मुंह छुपाते हुए नज़र आ रही है. उस तस्वीर में कांग्रेस कहीं नहीं दिखाई पड़ रही है. इस साफ़ होती तस्वीर के पीछे भाजपा के बड़े नेताओं में सिर्फ आतिशी नज़र आ रही हैं, बाकी बड़े स्टॉलवॉर्ट्स में केजरीवाल , मनीष सिसोदिया, सोमनाथ भारती और अवध ओझा चुनाव हार चुके हैं, हालाँकि मुख्यमंत्री आतिशी ने ज़रूर आम आदमी पार्टी की लाज बचाई है. आतिशी ने गालीबाज रमेश बिधूड़ी को कालका जी सीट से कड़े संघर्ष के बाद हारने में कामयाबी हासिल की है. रुझानों और नतीजों में भाजपा स्पष्ट बहुमत हासिल करती हुई नज़र आ रही है. दिल्ली चुनाव में खराब प्रदर्शन के बीच आम आदमी पार्टी ने अंदर से दफ्तर लॉक कर दिया है. पार्टी के ऑफिस में एंट्री बंद कर दी गई है.
राजधानी में पांच फरवरी को वोट डाले गए थे. राजधानी के 19 मतगणना केंद्रों के लिए तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है, जिसमें प्रत्येक केंद्र पर दो अर्धसैनिक बलों की कंपनियां तैनात की गई हैं. बता दें कि नतीजों से पहले जारी हुए एग्जिट पोल्स में बताया गया था कि अबकी बार बीजेपी के लिए दिल्ली दूर नहीं है.
दिल्ली चुनाव के नतीजों को लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि बहुत साफ है कि दिल्ली के लोग बदलाव चाहते हैं और नतीजें यही दिखाते हैं. चुनाव जीतने वाले सभी लोगों को बधाई. हमें जमीनी स्तर पर काम करना होगा और इस हार से सीखना होगा और आगे बढ़ना होगा.
मालवीय नगर से आम आदमी पार्टी के सोमनाथ भारती भी चुनाव हार गए हैं. दिल्ली कैंट से आम आदमी पार्टी के वीरेंद्र सिंह 2029 वोटों से जीत गए हैं. शालीमार बाग सीट से बीजेपी की रेखा गुप्ता 29,595 वोटों से जीत गई हैं. पटपड़गंज से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अवध ओझा ने अपनी हार स्वीकारते हुए कहा कि ये मेरी व्यक्तिगत हार है. मैं लोगों से कनेक्ट नहीं कर पाया, मेरा पास कम समय था.