कोविड मामलों में एकबार फिर तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। केंद्र और राज्य सरकारें सतर्क हो गई हैं. देश में इस समय कोविड के नए वैरिएंट JN.1 के 21 नए मामले सामने आए हैं। बढ़ते COVID-19 मामलों ने वैज्ञानिकों को भी हैरान कर दिया है कि क्या सर्दियों में कोरोना का नया वैरिएंट JN.1 विस्फोटक उछाल लाने वाला है. वहीँ कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा नहीं है क्योंकि अब तक जितने मामलों की जांच हुई उसमें ऐसे कोई खास नमूने सामने नहीं आए हैं.
कोविड के नए वैरिएंट JN.1 को सार्स कोविड के सबसे तेजी से फैलने वाले वैरिएंट में माना जाता है। इस नए वेरिएंट के संक्रमण के फैलने की रफ्तार को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने इस पर अपना ध्यान केंद्रित कर दिया है। बता दें कि ये कोरोना वायरस के सब वैरिएंट BA.2.86 का वंशज है जो अगस्त में सामने आया था। WHO के अनुसार इससे बचने के लिए नवीनतम बूस्टर फॉर्मूलेशन का उपयोग किया जा सकता है। हालांकि, WHO ने अलर्ट जारी करते हुए यह भी जानकारी दी है कि इस वेरिएंट से उन लोगों को भी खतरा है जो पहले ही संक्रमित हो चुके हैं और जिन्हें वैक्सीन लग चुकी है. कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 का अमेरिका में असर बहुत तेजी से देखा जा रहा है और कोविड अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
मेलबर्न विश्वविद्यालय के पीटर डोहर्टी इंस्टीट्यूट फॉर इंफेक्शन एंड इम्यूनिटी में माइक्रोबायोलॉजी और इम्यूनोलॉजी के प्रोफेसर सुब्बाराव के मुताबिक इस नए वैरिएंट की गंभीरता आपातकालीन वार्ड के दौरे और अन्य चिकित्सा डेटा द्वारा निर्धारित की गई थी। ये नया वैरिएंट मरीज़ के पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा रहा है या नहीं इसके बारे में अभी तक विशेष जानकारी सामने नहीं आई है।