SBI Report: SBI Report में कहा है कि यूपीआई की डिजिटल यात्रा की सफलता का मुख्य कारण अर्थव्यवस्था को सुगम बनाने के लिए सरकार की ओर से किए अथक प्रयास हैं। इसके अलावा, यूपीआई, वॉलेट और पीपीआई जैसी इंटर ऑपरेबल भुगतान प्रणालियों ने डिजिटल रूप से पैसों का लेनदेन सरल और सस्ता बनाया है।
भारतीय स्टेट बैंक की इकोरैप रिपोर्ट में खुलासा
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपनी ताजा इकोरैप रिपोर्ट में बताया कि दिवाली सप्ताह के दौरान दूसरी बार लगातार चलन में मौजूद मुद्रा (सीआईसी) में गिरावट आई। लोगों ने त्योहारी सीजन में डिजिटल भुगतान का अधिक उपयोग किया। इकोरैप रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर 2023 के त्योहारी महीने में मूल्य के लिहाज से यूपीआई के माध्यम से 1,36,600 करोड़ रुपए के 85.3 करोड़ लेनदेन(मासिक आधार पर) की वृद्धि हुई।
भुगतान प्रणालियों ने डिजिटल रूप से पैसों का लेनदेन सरल और सस्ता बनाया
रिपोर्ट में कहा कि यूपीआई की डिजिटल यात्रा की सफलता का मुख्य कारण अर्थव्यवस्था को सुगम बनाने के लिए सरकार की तरफ से किए अथक प्रयास हैं। इसके अलावा, यूपीआई, वॉलेट और पीपीआई जैसी इंटरऑपरेबल भुगतान प्रणालियों ने डिजिटल रूप से पैसों का लेनदेन सरल और सस्ता बनाया। यह उन लोगों के लिए सुविधाजनक है। जिनके पास बैंक खाते नहीं हैं। रिपोर्ट में पिछले 20 साल से दिवाली सप्ताह के दौरान चलन में मुद्रा के उतार-चढ़ाव का विश्लेषण किया है।
डिजिटल लेनदेन देहात में भी तेजी से फैल रहा
CIC में 2022 और 2023 दोनों में क्रमशः लगभग 7,600 करोड़ रुपए और 5,900 करोड़ रुपए की गिरावट आई है। कोविड महामारी के कारण वर्ष 2021 में इसमें वृद्धि दर्ज हुई थी। इससे पहले 2009 में global financial crisis के कारण दिवाली सप्ताह के दौरान CIC में गिरावट आई थी। देश में लगातार डिजिटल मुद्रा का दौर बढ़ता जा रहा है। लोग तेजी से डिजिटल मुद्रा में लेनदेन कर रहे हैं। डिजिटल लेनदेन अब शहरी क्षेत्र ही नहीं बल्कि देहात में भी तेजी से फैल रहा है।