संभल से सपा सांसद सांसद शफीकुर्ररहमान बर्क का 94 बरस की उम्र में निधन हो गया है, वो पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे, अभी कुछ दिनों पहले समाजवादी पार्टी ने उन्हें संभल से एकबार फिर लोकसभा के लिए प्रत्याशी घोषित किया था. उनका निधन मुरादाबाद के एक अस्पताल में हुआ। पांच बार के लोकसभा सदस्य रहे शफीकुर्ररहमान बर्क इस समय देश के सबसे वरिष्ठ नेताओं में थे.
शफीकुर्ररहमान बर्क की पहचान मुसलमानों से जुड़े मुद्दों पर अपने मुखर बयानों को लेकर थी. अक्सर उनके द्वारा दिए गए बयानों पर राजनीतिक विवाद खड़ा होता था. संभल में शफीकुर्ररहमान बर्क ज़मीनी नेता के रूप में जाने जाते थे, 2019 के लोकसभा चुनाव में जब देश में मोदी लहर चल रही थी तब भी बर्क ने संभल में जीत हासिल की. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद उसकी तुलना भारत के स्वतंत्रता संग्राम से करने के कारण उनकी बहुत आलोचना हुई थी। संसद में वन्देमातरम बोलने से इंकार और उसे इस्लाम के खिलाफ कहकर वो भाजपा के निशाने पर आये थे.
पिछले बरस जब संसद के विशेष सत्र के पहले दिन जब देश की 75 साल की संसदीय यात्रा पर चर्चा हो रही थी तब प्रधानमंत्री मोदी ने शफीकुर्रहमान बर्क की तारीफ की थी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि आजादी के बाद अबतक हज़ारों सांसदों ने इस सदन में अपना योगदान दिया जिनमें से एक सांसद ऐसे भी हैं जो आज 93 साल के हैं और अभी भी लोकसभा के सदस्य हैं, प्रधानमंत्री की इस बात पर सदन में ज़ोरदार तालियां बजी थी. शफीकुर्ररहमान बर्क का निधन समाजवादी पार्टी के लिए बड़ा झटका है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बीती 21 फरवरी को अस्पताल जाकर उनका हालचाल लिया था.