आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में प्रसाद के रूप में परोसे जाने वाले लड्डू में ‘पशु चर्बी’ होने के आरोपों के बाद हनुमानगढ़ी मंदिर सतर्क हो गया है। हनुमानगढ़ी में विराजमान बजरंग बली को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद में लड्डू प्रमुख हैं। हनुमानगढ़ी अखाड़े के संतों के एक समूह ने शनिवार शाम को लड्डू बनाने वाली छोटी फैक्ट्रियों का निरीक्षण किया और लड्डू की गुणवत्ता की जांच की। उन्होंने दुकानदारों को प्रसाद की गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश भी दिए।
जानकारी के मुताबिक हनुमानगढ़ी में प्रतिदिन करीब एक लाख श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए आते हैं। त्योहारों के दौरान यह संख्या दोगुनी हो जाती है। हर श्रद्धालु अपनी क्षमता के अनुसार हनुमानगढ़ी में प्रसाद चढ़ाता है। हनुमानगढ़ी में देसी घी से बने लड्डू ही चढ़ाए जाते हैं। तिरुपति प्रकरण प्रकाश में आने के बाद शनिवार को संकट मोचन सेना के अध्यक्ष व सागरिया पट्टी के शीर्ष महंत ज्ञानदास के उत्तराधिकारी महंत संजय दास, महंत डॉ. महेश दास, महंत सत्यदेव दास, पुजारी हेमंत दास व अन्य ने इमली बाग स्थित फैक्ट्री का निरीक्षण किया। लड्डू बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री की जांच की और टीम को शुद्धता व गुणवत्ता का ध्यान रखने के सख्त निर्देश दिए।
बताया जा रहा है कि संत जांच से संतुष्ट नजर आए। महंत संजय दास ने बताया कि हनुमानगढ़ी प्रसाद की प्रशासनिक स्तर के साथ ही हनुमानगढ़ी अखाड़ा स्तर पर भी निगरानी की जा रही है। प्रशासन की ओर से समय-समय पर सैंपलिंग की जाती है, वहीं संत भी प्रसाद की गुणवत्ता पर लगातार नजर रखते हैं। उन्होंने कहा कि ब्रांडेड घी का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने चेतावनी दी कि हनुमानगढ़ी प्रसाद में शुद्धता से समझौता किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। हनुमानगढ़ी अखाड़ा पहले से ही शुद्धता व गुणवत्ता को लेकर सजग है। इससे पहले हनुमान जी को बेसन के लड्डू भी चढ़ाए जाते थे, लेकिन उनकी शुद्धता पर सवाल उठ रहे थे जिसके बाद हनुमानगढ़ी अखाड़े ने दुकानदारों के साथ बैठक कर बेसन के लड्डू बेचने पर रोक लगा दी थी।