Rupee vs Dollar: कच्चे तेल के दाम में तेजी के बीच रुपया निचले स्तर पर पहुंच गया है। सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 83.28 के नए निचले स्तर पर बंद हुआ है। रुपया 18 सितंबर को 83.27 के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया था। बीते शुक्रवार को रुपया 83.26 पर बंद हुआ था।
बाजार के जानकारों का अनुमान है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रुपए की गिरावट को रोकने के लिए विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप किया। डीलरों ने कहा कि रुपया जब 83.28 तक गिरा था तब सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने केंद्रीय बैंक की तरफ से डॉलर की बिकवाली शुरू की थी जिससे कि भारतीय मुद्रा और नीचे न जाने पाए।
इजरायल-हमास युद्ध के बीच कच्चे तेल में तेजी
करूर वैश्य बैंक में ट्रेजरी प्रमुख वीआरसी रेड्डी ने कहा कि ‘डॉलर सूचकांक के 107 अंक से गिरकर 105.30 रह गया। लेकिन पिछले कुछ दिनों से रुपया 83.10 से 83.30 के बीच कारोबार कर रहा है। इजरायल-हमास युद्ध के बीच कच्चे तेल में तेजी से रुपए में नरमी आई है। कच्चा तेल महंगा होने के कारण तेल की विपणन कंपनियों में डॉलर की मांग बढ़ी हैं। केंद्रीय बैंक आरबीआई मुद्रा में उतार-चढ़ाव कम करने के लिए डॉलर की बिकवाली पर जोर दे रहा है।
डॉलर के मुकाबले रुपया 0.3 प्रतिशत नीचे आ चुका
अक्टूबर में डॉलर के मुकाबले रुपया 0.3 प्रतिशत नीचे आ चुका है। जुलाई से सितंबर के बीच रुपया 1.2 प्रतिशत कमजोर हुआ है। वहीं दूसरी ओर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही रुपया 0.2 प्रतिशत मजबूत हुआ था। विदेशी निवेश का प्रवाह बढ़ने से वित्त वर्ष के पहले 6 महीने में रुपया 0.16 प्रतिशत मजबूत हुआ था। पश्चिम एशिया में तनाव से पिछले शुक्रवार को 6 प्रतिशत चढ़ने के बाद ब्रेंट क्रूड 90 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर पहुंच गया है। डीलरों ने कहा कि कच्चा तेल 100 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंचा तो डॉलर के मुकाबले रुपया 83.30 के पार भी जा सकता है।