अमित बिश्नोई
Tiger is back: ऋषभ की एक लम्बे अंतराल के बाद क्रिकेट में वापसी हुई. आईपीएल में दिल्ली कैपिटल के लिए एक कप्तान, एक विकेटकीपर और एक बल्लेबाज़ के रूप में। कल उन्होंने वाइजैग में जो पारी खेली उसने टीम इंडिया के लिए आशा की नई किरन पैदा की है। ये बात सच है कि ऋषभ पंत के सड़क हादसे का शिकार बनने के बाद बहुत से लोगों को आज़माया गया मगर कोई पंत जैसा टीम इंडिया को नहीं मिला, विशेषकर सफ़ेद बॉल क्रिकेट में. यहाँ तक कि इस बीच वेटेरन विकेटकीपर बल्लेबाज़ दिनेश कार्तिक को भी मौका मिला मगर जो बात पंत में थी वो किसी में नज़र नहीं आयी.
यही वजह है कि जब इस आईपीएल से पंत का एक खिलाडी के तौर पर दूसरा जन्म हुआ तो हर कोई उनमें पुराने पंत की तलाश कर रहा था और ऋषभ पंत ने भी अपने फैंस को ज़्यादा समय तक मायूस नहीं किया और तीसरे ही मैच में उन्होंने जो पारी टीम के लिए खेली उसमें वही पुराना पंत सबको नज़र आया जिसकी लोगों को तलाश थी. कल CSK के खिलाफ ऋषभ 32 गेंदों में 51 रनों की जो पारी खेली उससे उनके फैंस तो खुश हुए ही होंगे, वहीँ BCCI भी ज़रूर खुश हुआ होगा और वो इसलिए कि आईपीएल के बाद टी20 विश्व कप होने वाला है और ऋषभ ने ऐसी ही कुछ पारियां और खेल दीं तो फिर वो टी 20 विश्व कप में टीम के सदस्य के रूप में भी नज़र आएंगे। पंत ने अपनी इस पारी में अपने ही स्टाइल में चार चौके और तीन छक्के लगाए।
ऋषभ ने आईपीएल का आगाज़ पंजाब किंग्स के खिलाफ किया और 13 गेंदों में 18 रन बनाकर एक ठीक ठाक शुरुआत की. ये शुरुआत एक ऐसे खिलाड़ी के लिए काफी अच्छी मानी जाएगी जिसने जो सालों से बल्ला न पकड़ा हो, जिसने इस बीच एक लम्बा समय बैसाखी के सहारे बिताया हो। पंत ने अपने दुसरे ही मैच अपने व्यक्तिगत स्कोर को 18 से बढाकर 26 कर दिया। राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 28 गेंदों पर बनाये गए ये 26 रन यकीनन पंत का आत्मविश्वास बढ़ाने में काफी मददगार रहे और अपने तीसरे ही मैच में पंत 51 रनों की धुंआधार पारी खेलकर बता दिया कि “टाइगर इज़ बैक”. मैच दर मैच पंत की परफॉरमेंस में सुधार ये बता रही है कि अभी बेहतर और बेस्ट आना बाकी है। कल के मैच में पंत ने न सिर्फ एक बल्लेबाज़ के तौर पर खुद को साबित किया बल्कि एक कप्तान के रूप में खुद को अपने गुरु धोनी से बेहतर साबित किया। पंत ने कल CSK के खिलाफ न सिर्फ मैच जीता बल्कि एक आत्मविश्वास भी जीता, अपने फैंस का, उन लोगों का जो टीम इंडिया में एकबार फिर पंत को देखना चाह रहे हैं।
बल्लेबाज़ के तौर पर ऋषभ पंत का पुराना रूप भले तीसरे मैच में आया हो लेकिन एक विकेट कीपर के रूप में वो पहले ही मैच से विकेट के पीछे उतने ही चाक चौबंद नज़र आ रहे हैं जैसे वो सड़क हादसे से पहले नज़र आते थे. पिछले तीन मैचों में किसी भी समय ऐसा नहीं कि वो किसी फिटनेस समस्या में हैं। ऐसे में बल्लेबाज़ी में उनकी स्थिरता के एल राहुल के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बन सकती है, जो पिछले दो वर्षों से अक्सर अपनी कमर को पकड़ कर बैठ जाते हैं. इस आईपीएल में भी वो कीपिंग नहीं कर रहे हैं क्योंकि उनकी कमर उनका साथ नहीं दे रही है. केएल राहुल लखनऊ जायंट्स के कप्तान हैं लेकिन पिछले मैच में वो टीम के एक इम्पैक्ट खिलाड़ी के रूप में उतरे और बल्लेबाज़ी करने के बाद वापस डग आउट में बैठ गए, कीपिंग तो छोड़िये, फील्डिंग के काबिल भी उन्होंने अपने आपको नहीं समझा और कप्तानी निकोलस पूरन को करनी पड़ी. अब केएल राहुल की ऐसी फिटनेस के बीच ऋषभ पंत की टीम में वापसी के बहुत तगड़े चांस बनते हैं। वैसे भी ऋषभ पंत ने हमेशा टीम को गहराई प्रदान की है, टॉप आर्डर से लेकर मिडिल आर्डर, यहाँ तक कि लोअर मिडिल आर्डर में टीम के हालात के हिसाब से उन्हें आज़माया जाता रहा है और बहुत बार वो टीम के लिए आज़माइश पर खरे उतरे हैं। एक विकेटकीपर बल्लेबाज़ के रूप में ऋषभ पंत KLR से काफी आगे हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है. हालाँकि ये कहना अभी जल्दबाज़ी होगा कि पंत की वापसी हो ही जाएगी लेकिन इरादे तो पंत ने अपनी कल की पारी से ज़ाहिर ही कर दिए हैं कि ज़्यादा समय तक उन्हें टीम इंडिया से दूर नहीं रखा जा सकता।