Retail inflation: अक्टूबर में महंगाई के मोर्चे पर राहत देखने को मिली है। बीते महीने में भारत की प्रमुख खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) दर गिरकर 4.87 प्रतिशत पर आ गई है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा आज 13 नवंबर को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2022 के रिटेल इन्फ्लेशन के आंकड़ों के अनुपात में कम रहने और वस्तुओं की कीमतों में नरमी के कारण महंगाई कम हुई है।
खुदरा मुद्रास्फीती दूसरे महीने संतोषजनक सीमा के बाहर
हालांकि, इस दौरान प्याज की बढ़ती कीमतों ने महंगाई में गिरावट को सीमित कर दिया। जबकि इस वर्ष सितंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति 5.02 प्रतिशत था। सीपीआई मुद्रास्फीति का आंकड़ा अक्टूबर में 4.87 प्रतिशत पर मोटे तौर पर उम्मीदों के अनुरूप है। अर्थशास्त्रियों ने अक्टूबर में महंगाई के सालाना आधार पर बढ़कर 4.8 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया था।
हालांकि, खुदरा मुद्रास्फीती लगातार दूसरे महीने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की 2-6 प्रतिशत की संतोषजनक सीमा के बाहर रही है। जो कि अब भी लगातार 49 महीनों से 4 प्रतिशत के दायरे के लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है।
थोक मूल्य सूचकांक मूल्य स्तर को मापने का काम करता है
थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के संदर्भ में बता दें कि ये उत्पादों के खुदरा बाजार में पहुंचने से पहले समग्र मूल्य स्तर को मापने का काम करता है। मुद्रास्फीति का डेटा सितंबर में -0.26 प्रतिशत था। जो अगस्त में -0.52 प्रतिशत रहा था। खुदरा महंगाई दर मई 2023 में -3.48 प्रतिशत और अप्रैल 2023 में -0.92 प्रतिशत थी। जबकि मार्च 2023 में यह 1.34 प्रतिशत रही थी।
भारत में महंगाई दर अगस्त में 6.83 फीसदी से घटकर सितंबर में 5.02 फीसदी हो गई थी। इससे पहले जुलाई में महंगाई दर 7.44 प्रतिशत रही थी, जबकि जून में 4.81 प्रतिशत और मई में 4.25 प्रतिशत रही थी।