नई दिल्ली। तुर्की और सीरिया में भूकंप से भीषण हानि हुई है। राहत और बचाव कार्य अब धीमा हो गया है। मलबे में इतने दिन तक किसी के जीवित बचने की संभावना अब कम है। भूकंप प्रभावित इलाकों में मलबे को हटाने का काम जारी है। अब अधिक जोर इस बात पर है कि भूकंप में जिन लोगों के घर टूटे हैं और जिनके पास कुछ नहीं बचा, उनको कैंपों में रखा जाए। ऐसे लोगों के पुनर्वास की पूरी व्यवस्था की जाए। इसके लिए जगह-जगह कैंप बनाए हैं। इन कैंपों में हजारों की तादाद में भूकंप पीड़ितों को रखा गया है।
भूकंप पीड़ितों के लिए बने सरकारी कैंप
इन सरकारी कैंपों में मूलभूत जरूरत की चीजें उपलब्ध कराई गई हैं। खाने-पीने की चीजें और अधिक ठंड होने से बचने के लिए हीटिंग सिस्टम जैसी चीजें दी जा रही हैं। जिनको कैंपों में जगह नहीं मिली उनको अधिक परेशानी हो रही है। ऐसे लोगों ने बेडशीट, तिरपाल और पॉलिथिन जैसी चीजों से अपने आशियाने बनाए हैं। लेकिन इन लोगों को खाने की परेशानी है। इन लोगों के लिए ठंड से बचने की कोई व्यवस्था नहीं है। किसी तरह गुजर-बसर करने को मजबूर हैं।
लाखों लोग हुए बेघरबार
तुर्की में भूकंप से लाखों लोग बेघरबार हो गए हैं। लाखों लोग ऐसी जगह रहने को मजबूर हैं जहां मूलभूत जरूरत की चीजें उनको उपलब्ध नहीं हैं। इन लोगों ने चादर, पर्दों से टैंट बनाए हैं। दिन में धूप राहत देती है तो पीड़ित अपना समय निकाल लेते हैं, लेकिन रात में ठंड में काफी मुश्किल होती है। टैंटों में अंदर हीटिंग की व्यवस्था नहीं है। इस तरह फुटपाथ पर जिंदगी चल रही है।