अमित बिश्नोई
कोई भी बल्लेबाज़ जब इंजरी और सर्जरी के बाद 6 महीने बाद मैदान में कदम रखे और कदम रखते ही शतक जड़ दे तो उससे बढ़िया और यादगार वापसी और क्या हो सकती है. पिछले कुछ महीनों से किसी भी इंडियन क्रिकेट की अगर सबसे ज़्यादा चर्चा हुई है तो वो के एल राहुल की हुई जिन्होंने स्वर्णिम वापसी करते हुए पाकिस्तानी तेज़ गेंदबाज़ों को रुई की तरह धुन दिया। राहुल ने 6 महीने बाद वापसी की और अपना छठा ODI शतक जड़कर अपने उन आलोचकों को ज़ोरदार जवाब दिया जो लगातार टीम उनकी मौजूदगी पर सवाल उठाते रहे हैं। यही नहीं, राहुल ने उनकी फिटनेस पर उठ रहे सवालों का ज़बरदस्त जवाब दिया है. राहुल ने पाकिस्तान के खिलाफ आज 33 ओवर बल्लेबाज़ी की और और 51 रन सिंगल्स और डबल्स से पूरे किये जो उनकी फिटनेस को पूरी तरह साबित करता है. यहीं नहीं, उन्होंने शुरू के कुछ ओवर के बाद विकेट के पीछे भी ज़िम्मेदारी संभाली और कीपिंग करते हुए बिलकुल सहज नज़र आये।
राहुल किस्मत के भी धनी रहे, पाकिस्तान के खिलाफ प्लेइंग इलेविन में उनका नाम नहीं था लेकिन मैच शुरू होने से 15 मिनट पहले उनकी लॉटरी खुली श्रेयस को बैक प्रॉब्लम हो गयी जिसकी वजह से उन्हें मौका मिला और उन्होंने इस मौके को दोनों हाथों से भुनाया। श्रेयस वैसे भी आठ दस दिन के लिए रेस्ट पर चले गए हैं ऐसे में के एल राहुल के लिए अपने को नंबर चार पर स्थापित करने का बहुत अच्छा मौका है. ODI में KLR का अगर रिकॉर्ड देखा जाय तो काफी इम्प्रेसिव है , 45 से ज़्यादा की औसत है, दो हज़ार के करीब रन हैं, 6 सैकड़े हैं. लेकिन इतने अच्छे आंकड़ों के बावजूद महत्वपूर्ण मौकों पर नाकाम होने का उनपर ठप्पा भी लगा है. KLR ने आज वर्ल्ड क्लास पारी वर्ल्ड क्लास गेंदबाज़ों के खिलाफ खेली लेकिन सवाल यह है कि उनकी यह लय एशिया कप के आगे के मैचों और विश्व कप में बरकरार रहती है। उनके उतार चढाव वाले प्रदर्शन में निरंतरता और स्थिरता कब आएगी ये देखने वाली बात होगी क्योंकि जिस नंबर पर उन्हें खेलना है उसपर निरंतरता और स्थिरता बहुत ज़रूरी है. उम्मीद है के एल राहुल इसपर खरे उतरेंगे, विशेषकर उन मैचों में जहाँ पर उनके बल्ले से रनों की सबसे ज़्यादा ज़रुरत होगी।
बात अब विराट की, इस बल्लेबाज़ की जितनी भी तारीफ की जाय कम है, और जब सामने पाकिस्तान की टीम हो तो कोहली की बल्लेबाज़ी और भी विराट हो जाती है, ये कोहली ने इससे पहले भी कई बार कर दिखाया है और इस मैच में भी धमाकेदार सैकड़ा जड़कर उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा जड़ा जो दो सितम्बर के मैच में जल्दी आउट होने पर शाहीन आफरीदी का हव्वा खड़ा किये हुए थे। कोहली ने बता दिया कि ऊँगली करोगे तो हश्र बहुत बुरा करूंगा। कोहली की 122 रनों की नाबाद खेलकर पाकिस्तान के उन पूर्व खिलाडियों और पूर्व पीसीबी चीफ नजम सेठी को करारा जवाब दिया जो कह रहे थे कि भारत डर गया है. भारतीय बल्लेबाज़ों को जब जब भी किसी ने चैलेन्ज किया इंडियन बैट्समैनों ने उस चैलेंज को स्वीकार किया और जवाब भी ऐसा दिया जो लम्बे अरसे तक लोगों को याद रहता है. विराट की ये 47 वीं ODI सेंचुरी है, महान सचिन के रिकॉर्ड से सिर्फ दो शतक दूर. विराट की ये पारी इसलिए भी और ख़ास रही क्योंकि उन्होंने एकदिवसीय क्रिकेट में 13 हज़ार रन पूरे किये, न सिर्फ पूरे किया बल्कि सबसे तेज़ पूरे करने वाले बल्लेबाज़ भी बने. विराट ने इस मुकाम तक पहुँचने के लिए सिर्फ 267 पारियों की मदद ली जबकि तेंदुलकर ने यहाँ तक पहुँचने के लिए 321 पारियां खेली थीं।
जहाँ तक गेंदबाज़ों की बात है तो के एल राहुल के बाद उन्हीं की तरह इंजरी और सर्जरी बाद बड़े लम्बे अरसे के बाद ODI क्रिकेट में वापसी करने वाले जसप्रीत बुमराह पर सबकी निगाहें थीं और बुमराह ने अपने पहले पांच ओवरों में जिस तरह की गेंदबाज़ी, उससे कहीं से भी लगा नहीं कि ये गेंदबाज़ कमर की सर्जरी के बाद मैदान में वापस आया है, इमाम हों या फखर या फिर बाबर आज़म किसी को भी पता ही नहीं चल रहा था कि गेंद अंदर आ रही है या बाहर। बेशक विश्व कप को देखते हुए भारतीय क्रिकेट के लिए ये बड़ा सुखद नज़ारा था. बुमराह की वापसी यकीनन भारतीय तेज़ आक्रमण पाकिस्तानी पेस अटैक से कहीं बेहतर नज़र आया. ऐसा लग रहा है कि विश्व कप के लिए टीम इंडिया रंग में आ रही है, बल्लेबाज़ी के बाद अब गेंदबाज़ी ने अपनी रफ़्तार , लाइन और लेंथ पकड़ ली है. आखिर में पाकिस्तानियों से बस इतना ही कहना है, भारतीय बल्लेबाज़ी को कभी कम आंकने की कोशिश न करना, वरना अंजाम ऐसा ही होगा और स्कोर 350 से भी ज़्यादा बनेगा।