प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सेना की “अग्निपथ” भर्ती योजना का राजनीतिकरण करने के लिए विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि वे इस मुद्दे पर जानबूझकर युवाओं को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने लद्दाख के द्रास में 25वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कर्तव्य की पंक्ति में सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि दी।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों में वृद्धि के बीच, मोदी ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी जारी की और कहा कि भारत हर आतंकी चुनौती को हराएगा। प्रधानमंत्री ने आज वर्चुअली लद्दाख में शिंकुन ला सुरंग परियोजना के पहले विस्फोट को भी देखा। शिंकुन ला सुरंग परियोजना में 4.1 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग शामिल है।
अग्निपथ योजना पर विपक्ष की आलोचना पर पहली बार सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया देते हुए मोदी ने कहा कि कुछ लोग यह भ्रांति भी फैला रहे हैं कि सरकार पेंशन का पैसा बचाने के लिए यह योजना लेकर आई है। उन्होंने कहा, आज के रंगरूटों के लिए पेंशन का सवाल 30 साल बाद उठेगा। सरकार इस पर आज फैसला क्यों लेगी? इसे उस समय की सरकारों पर छोड़ देना चाहिए । हमने सशस्त्र बलों द्वारा लिए गए इस फैसले का सम्मान किया है, क्योंकि हमारे लिए राजनीति नहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है।
उन्होंने कहा, अग्निपथ का लक्ष्य सेना को लगातार युद्ध के लिए फिट रखना है, सेना को युवा बनाना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश के युवाओं को गुमराह करने वालों को अतीत में सशस्त्र बलों के प्रति कोई सम्मान नहीं था। वन रैंक वन पेंशन पर पिछली सरकारों द्वारा किए गए झूठे वादों को याद करते हुए उन्होंने रेखांकित किया कि यह वर्तमान सरकार ही थी जिसने इस योजना को लागू किया, जिसके तहत पूर्व सैनिकों को 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक दिए गए। उन्होंने पिछली सरकारों की उपेक्षा की ओर इशारा करते हुए कहा, “ये वही लोग हैं जिन्होंने आजादी के 7 दशक बाद भी शहीदों के लिए युद्ध स्मारक नहीं बनाया, सीमा पर तैनात हमारे सैनिकों को पर्याप्त बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं दिए और कारगिल विजय दिवस की अनदेखी करते रहे
आतंकवाद की निंदा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को अतीत में हमेशा हार का सामना करना पड़ा है। पाकिस्तान ने अपने अतीत से कुछ नहीं सीखा है और प्रासंगिक बने रहने के लिए आतंकवाद और छद्म युद्ध की आड़ में युद्ध जारी रखा है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि आतंकवादियों के नापाक इरादे कभी पूरे नहीं होंगे।