छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की साजिश रचने के आरोपी को रविवार देर रात हैदराबाद में गिरफ्तार कर लिया गया। पत्रकार का दूर का रिश्तेदार और ठेकेदार सुरेश चंद्राकर इस हत्या का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। हत्या का खुलासा होने के बाद से ही वह लापता था। पुलिस के मुताबिक, सुरेश चंद्राकर हैदराबाद में अपने ड्राइवर के घर पर छिपा हुआ था। उसे ट्रैक करने के लिए पुलिस ने 200 सीसीटीवी फुटेज खंगाले और करीब 300 मोबाइल नंबरों को ट्रेस किया।
इससे पहले सुरेश चंद्राकर से जुड़े चार बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया था और उनके स्वामित्व वाले एक अवैध रूप से निर्मित यार्ड को ध्वस्त कर दिया गया था। अधिकारियों ने बताया कि सुरेश चंद्राकर की पत्नी को भी छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। मुकेश चंद्राकर का शव पिछले हफ्ते छत्तीसगढ़ के बस्तर में एक ठेकेदार के स्वामित्व वाले शेड में सेप्टिक टैंक में मिला था। स्वतंत्र पत्रकार में काम करने वाले मुकेश चंद्राकर को आखिरी बार नए साल के दिन बीजापुर में अपने घर से निकलते हुए देखा गया था। जब वे वापस नहीं लौटे तो पत्रकार के भाई युकेश ने अगले दिन गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, मुकेश चंद्राकर पर किसी भारी वस्तु से हमला किया गया था जिससे उसके सिर, छाती, पीठ और पेट पर गंभीर चोटें आई थीं। उसके शव की पहचान उसके हाथ पर बने टैटू से हुई। इस मामले में अबतक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पत्रकार के चचेरे भाई रितेश और सुपरवाइजर महेंद्र ने रात के खाने के दौरान उनके बीच हुई बहस के बाद चंद्राकर पर लोहे की रॉड से हमला किया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद दोनों ने अपराध को छिपाने के लिए शव को सेप्टिक टैंक में छिपा दिया और उसे सीमेंट से सील कर दिया। उन्होंने चंद्राकर का फोन और लोहे की उस रॉड को भी फेंक दी, जिससे उन्होंने मुकेश की हत्या की थी। दिनेश चंद्राकर ने टैंक को सीमेंट से भरने का काम किया, वहीं सुरेश चंद्राकर को इस योजना का सूत्रधार माना जा रहा है।