केंद्र सरकार ने कैंसर के मरीजों को बड़ी राहत देते हुए इलाज में इस्तेमाल होने वाली 3 प्रमुख दवाओं का अधिकतम खुदरा रेट कम होने जा रही है, सरकार ने इसके लिए आदेश जारी आकर दिए हैं। दवाओं की कीमतों को कंट्रोल करने का काम करने वाली नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 3 दवाओं ट्रैस्टुजुमैब, ओसिमर्टिनिब और डर्वालुमैब की अधिकतम खुदरा मूल्य कम करने का निर्देश दिया है।
इसमें से ट्रैस्टुजुमैब का इस्तेमाल ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में होता है, जबकि ओसिमर्टिनिब का इस्तेमाल फेफड़ों के कैंसर के इलाज में और डर्वालुमैब का इस्तेमाल दोनों तरह के कैंसर के इलाज में होता है। कैंसर की इन दवाओं की कीमतें कम करते हुए सरकार ने कहा है कि आम लोगों को जरूरी दवाएं कम कीमत पर मिलें, यह सुनिश्चित करना उसकी प्रतिबद्धता है। कुछ समय पहले ही इन दवाओं पर सरकार ने जीएसटी दर को कम किया था, वहीँ केंद्रीय बजट में कैंसर के इलाज में प्रयोग होने वाली इन दवाओं पर कस्टम ड्यूटी खत्म करने की भी घोषणा की गई थी। इसलिए सरकार का कहना है कि टैक्स में कमी का असर दवाओं की कीमत पर भी दिखना चाहिए। इसलिए अब सरकार ने इनकी एमआरपी कम करने का आदेश दिया है।
वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने इस साल 23 जुलाई को अधिसूचना जारी कर तीनों दवाओं पर कस्टम ड्यूटी शून्य कर दी थी। सरकार ने हाल ही में इन दवाओं पर जीएसटी दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दी है। इसलिए कंपनियों को 10 अक्टूबर 2024 से ही इसकी एमआरपी कम करनी पड़ी, क्योंकि उसी दिन से इसकी नई एमआरपी लागू मानी जाएगी। निर्माताओं को एमआरपी कम करने और कीमत में बदलाव के बारे में डीलरों, राज्य दवा नियंत्रकों और सरकार को सूचित करने का भी निर्देश दिया गया है। लैंसेट के एक अध्ययन के अनुसार भारत में कैंसर रोगियों की संख्या 14 लाख से अधिक हो गई है। हर साल इसमें बढ़ोतरी का ट्रेंड है। वर्ष 2020 में यह 13.9 लाख थी, जो 2021 में बढ़कर 14.2 लाख हो गई, जबकि 2022 में इनकी संख्या 14.6 लाख तक पहुंच गई।