कोरोना के चलते कर्फ्यू और लॉकडाउन से परेशान प्रदेश के किसान अब अपनी फसलों को ऑनलाइन बेच रहे हैं। किसान को अपनी फसल मंडी लाने की जरूरत नहीं है। ई पोर्टल में फसल की ताजा फोटो डालने के बाद ऑक्शन भी ऑनलाइन होगी और व्यापारी खुद आपके घर से फसल उठाकर ले जाएगा।
एग्रीबाज़ार टेक्नोलोजी लिमिटेड के निदेशक श्री अमित खंडेलवाल ने एग्रीबाज़ार ऐप की बढ़ती जरूरत के राज खोले पिछले दो वर्षो में एग्रीबाज़ार की टीम चार हज़ार से अधिक ट्रेडर्स व मिलर्स को पंजीकृत कर सीधे किसानों से जोड़ने की नींव रख चुकी है. एग्रीबाज़ार ऐप ने राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय नोडल एजेंसीज नाफेड , मार्कफेड , हैफेड , के साथ मिलकर मिलिंग के लिए पारदर्शी व्यवस्था खड़ी कर दी है .. जिसमें 25 लाख मीट्रिक टन उपज की मिलिंग व विक्रय कर ने कृषि उद्योग का “अमेजन” बनने की राह पर मजबूत कदम रख दिये हैं
राजस्थान के परिपेक्ष्य में पिछले चंद दिनों में राज्य सरकार से अनुमति मिलने के पश्चात श्रीगंगानगर ,कोटा ,अलवर में एग्रीबाज़ार ऐप के माध्यम से पांच हज़ार से अधिक किसानों की उपज को घर घर बैठे उचित मूल्य पर विक्रय किया जा चुका हैं
जल्द ही अन्य राज्य भी इसकी उपयोगिता को अनुसंषित कर लागू करने जा रहे हैं.. किसान अपने एंड्राइड फ़ोन पर मात्र आधार कार्ड व बैंक खाता नम्बर भर कर स्वयम को पंजीकृत करवा सकता है ..ओ टी पी द्वारा सुरक्षित एग्रीबाज़ार ऐप पर अपनी उपज की जानकारी व अपेक्षित मूल्य कोट कर सकता है जिसे एग्रीबाज़ार ऐप पर पंजीकृत मिलर्स “बोली” लगा सकते है
सौदा पूरा होने पर माल डिलीवरी सेंटर पर डिलीवर किया जा सकेगा … किसान को उपज का मूल्य डिलेवरी के साथ ही तुरन्त
खाते में ट्रांसफर कर दिया जायेगा !
एग्रीबाज़ार ऐप .. के स्वप्नदृष्टा अमित खंडेलवाल के अनुसार कृषि उद्योग डिजिटल युग मे भागीरथी आमद दे चुका है ..और एग्रीबाज़ार ऐप … की टीम इसमें नित नये अध्याय जोड़ कर किसानों के साथ मिलकर ऑनलाइन बाजार में अपनी हिस्सेदारी लेने का शंखनाद कर चुकी है ।