लोकसभा चुनाव में भाजपा को 300 से ज़्यादा सीटें देने वाले प्रशांत किशोर ने नतीजों में बुरी तरह नाकाम होने के बाद पहली बार सामने आकर स्वीकार किया उनका आंकलन गलत था और इसी के साथ उन्होंने तौबा की कि आगे से वो किसी भी पार्टी को सीटों की संख्या नहीं देंगे. एक टीवी चैनल पर दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने इसी के साथ अपना बचाव करते हुए कहा कि मेरी दिशा सही थी क्योंकि सरकार तो NDA की ही बनी है और प्रधानमंत्री मोदी जी ही बन रहे हैं।
चुनाव से पहले अपने धड़ाधड़ इंटरव्यू के बारे में बताते हुए कहा कि ये तो टीवी चैनल थे जो मुझसे आकर इंटरव्यू करने लगे और मुझसे जनसुराज की जगह नेशनल पॉलिटिक्स पर सवाल पूछने लगे. प्रशांत किशोर ने भाजपा के 400 पार के सवार के नारे को अधूरा बताते हुए कहा कि इस नारे में ये नहीं बताया गया कि 400 पार क्यों चाहिए, जबकि 2014 में “बहुत हुई मंहगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार” एक सम्पूर्ण नारा था जिसमें लोगों को मालूम था कि अबकी बार मोदी सरकार इसलिए चाहिए क्योंकि मंहगाई से रोकना था.
पूरे इंटरव्यू के दौरान प्रशांत किशोर उस समय खिसयाते हुए नज़र आये जब उनसे करण थापर के इंटरव्यू का ज़िक्र किया गया. प्रशांत किशोर एक बार फिर कांग्रेस को इस बेहतर प्रदर्शन का सेहरा देते हुए नज़र आये. प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा के पिछले तीन चुनाव में ये तीसरा बेस्ट परफॉरमेंस है वहीँ कांग्रेस का ये तीसरा ख़राब प्रदर्शन है. प्रशांत किशोर से पूछा गया कि यूपी में आप बुरी तरफ फ्लॉप रहे, 2017 में आपने यूपी के दो लड़कों को जीता हुआ बताया था लेकिन वो फेल हो गया लेकिन अब वही दो लड़के बिना प्रशांत किशोर यूपी में कमाल कर गए, इसका मतलब है जनता जब बदलाव चाहती है तब किसी को प्रशांत किशोर की ज़रुरत नहीं।