दीपिका पादुकोण के पिता और पूर्व बैडमिंटन चैंपियन प्रकाश पादुकोण हुए 65 वर्ष के
न्यूज़ डेस्क – स्टार बॉलिवुड ऐक्ट्रेस दीपिका पादुकोण के पिता और पूर्व शटलर प्रकाश पादुकोण (10 जून, 1965) आज 65वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं. प्रतिष्ठित ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप को जीतने वाले पहले भारतीय प्रकाश फिलहाल कोच हैं और देश में प्रतिभाओं को तराशने का काम कर रहे हैं. भारतीय बैडमिंटन इतिहास की जब भी बात होगी तो उनकी चर्चा जरूर होगी. आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ रोचक बातें…
मैरिज हॉल से शुरू हुआ था चैंपियन का सफर
बहुत कम लोग जानते होंगे कि प्रकाश पादुकोण के चैंपियन बनने का सफर एक मैरिज हॉल से शुरू हुआ था. दरअसल, उस वक्त स्टेडियम और इंडोर कोर्ट आज के जितनी नहीं होती थी तो प्रकाश ने मैरिज हॉल में ही प्रैक्टिस शुरू कर दी थी. इस बारे में उन्होंने बेटी दीपिका को लिख एक पत्र में खुलासा किया था. उन्होंने बताया था, मैंने बेंगलुरु में अपना करियर शुरू किया तो उन दिनों आज की तरह कोर्ट नहीं हुआ करते थे, जहां खिलाड़ी प्रैक्टिस कर पाएं. हमारा बैडमिंटन कोर्ट हमारे घर के पास कैनरा यूनियन बैंक का मैरिज हॉल था. जहां मैंने खेल के बारे में सब कुछ सीखा.
पिता थे पहले कोच
प्रकाश के समय में आज की तरह अकादमियां भी नहीं थीं. प्रकाश के पिता रमेश पादुकोण मैसूर बैडमिंटन असोसिएशन में सचिव थे. उन्होंने ही प्रकाश को बैडमिंटन से रूबरू कराया और खेल की तकनीकी बारिकियां सिखाई.
हार से शुरुआत, फिर बने चैंपियन
प्रकाश का पहला ऑफिशियल टूर्नामेंट कर्नाटक स्टेट जूनियर चैंपियनशिप-1970 थी. यहां वह पहे ही दौर में हार गए, लेकिन दो वर्ष बाद उन्होंने इस टूर्नमेंट का खिताब जीता. फिर सीनियर नेशनल चैंपियनशिप जीती. चैंपियन बनने का सफर जो शुरू हुआ तो उन्हें लगातार 7 वर्ष तक कोई हरा नहीं सका. 1972 से 1978 तक वह नेशनल चैंपियन रहे.
कॉमनवेल्थ गेम्स में दिखाया दम
यह वह वक्त था जब बैडमिंटन में मलेशिया, डेनमार्क, इंडोनेशिया और इंग्लैंड जैसे देशों की तूती बोलती थी. 1978 कॉमनवेल्थ गेम्स कनाडा के इडमॉन्टॉन में खेला गया. प्रकाश ने दुनिया के स्टार शटलरों को धूल चटाते हुए पुरुष एकल का गोल्ड मेडल अपने नाम किया. पहला भारतीय बनने के साथ ही उन्होंने नए अध्याय की शुरुआत कर दी थी. उनके अलावा सैयद मोदी (1982) और पी. कश्यप (2014) ही मेंस सिंगल्स में यह खिताब जीत सके हैं, जबकि महिलाओं में साइना नेहवाल ने 2010 और 2018 में यह खिताब अपने नाम किया.
ऑल इंग्लैंड में फहराया तिरंगा
प्रकाश ने ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप 1980 में पुरुष एकल वर्ग का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया था. उन्होंने इंडोनेशिया के लियेम स्वी किंग को 15-3, 15-10 से हराकर ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप में तिरंगे की शान को बढ़ाया था. यह भारतीय बैडमिंटन इतिहास का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ. प्रकाश ने 1981 में भी ऑल इंग्लैंड चैंपिनशिप के फाइनल में जगह बनाई लेकिन इस बार वह चूक गए. उनके बाद कोच पुलेला गोपीचंद ने 2001 में इस सम्मानित टूर्नमेंट का खिताब जीता था.
बॉलिवुड कनेक्शन और सम्मान
प्रकाश की बेटी दीपिका देश की सबसे पॉपुलर ऐक्ट्रेस में शामिल हैं. उनके दामाद बॉलिवुड स्टार रणवीर सिंह हैं. सम्मान की बात करें तो प्रकाश को 1972 में अर्जुन अवॉर्ड और 1982 में पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. उन्हें खेल में योगदान के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी दिया गया है. उनकी दीपिका पादुकोण के अलावा एक और बेटी हैं. उनका नाम अनिशा है.