depo 25 bonus 25 to 5x Daftar SBOBET

Power Consumption: देश में बिजली खपत 8% बढ़ी, आर्थिक गतिविधियों में तेजी के संकेत

बिज़नेसPower Consumption: देश में बिजली खपत 8% बढ़ी, आर्थिक गतिविधियों में तेजी...

Date:

Power Consumption: वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में देश की बिजली खपत 8 प्रतिशत बढ़ी है। जारी रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल पहले छह महीने में 847 बिलियन यूनिट बिजली खपत हुई है। भारत इकोनॉमी लगातार बढ़ रही है। सरकार ने दावा किया है कि आने वाले दिनों में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसी बीच एक और रिपोर्ट सामने आई है। इस वित्तीय वर्ष 2023—24 की पहली छमाही में देश में बिजली खपत लगभग 8 प्रतिशत बढ़ी है। अप्रैल से सितंबर की अवधि में भारत में 847 बिलियन यूनिट (बीयू) बिजली खपत हुई है। सरकार के मुताबिक, बिजली खपत का बढ़ना देश में आर्थिक गतिविधियों में तेजी का संकेत माना जा रहा है।

इस साल 61 बीयू अधिक बिजली की खपत अधिक हुई

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-सितंबर 2022 के दौरान बिजली खपत 786 बिलियन यूनिट्स थी। इस साल 61 बीयू अधिक बिजली की खपत अधिक हुई है। उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि अप्रैल, मई और जून में देश के बड़े हिस्से में बेमौसम बारिश हुई है। इससे बिजली की खपत पर असर पड़ा है। बारिश के प्रभाव पर विशेषज्ञों का मानना है कि देश में बिजली खपत की वृद्धि दोहरे अंक में जाने की आशंका थी। यानी खपत 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ सकती थी।

औद्योगिक जगत की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखने वाले जानकारों के हवाले से बताया कि असामान्य रूप से उच्च आर्द्रता स्तर के कारण अगस्त में बिजली मांग के साथ खपत में उल्लेखनीय सुधार देखा गया। पंखे, कूलर और एयर कंडीशनर जैसे उपकरणों का उपयोग बढ़ने के कारण बिजली की खपत तेजी से बढ़ी है। ये रोचक है कि बिजली की डिमांड बढ़ने के साथ उपभोक्ताओं पर बिजली बिल का दबाव बढ़ा है। इस अवधि में कई राज्यों में घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को 500 से 1000 रुपए से अधिक बिजली बिल का भुगतान करना पड़ा है। कॉमर्शियल यूनिट में बिल और भी अधिक आए हैं।

उद्योगों के सीधे असर के कारण बिजली की खपत बढ़ी

जानकारों का कहना है कि अगस्त और सितंबर में बिजली की खपत बढ़ी है। मुख्य रूप से आर्द्र मौसम और त्योहारी सीजन से पहले औद्योगिक गतिविधियां भी बढ़ी हैं। नतीजतन बिजली से चलने वाले उद्योगों के सीधे असर के कारण बिजली की खपत बढ़ी है। आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल-सितंबर 2023 के दौरान बिजली अधिकतम मांग 241 गीगावॉट के रिकॉर्ड उच्च स्तर तक जा पहुंची है। पिछले साल इसी अवधि में वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में बिजली अधिकतम डिमांड 215.88 गीगावॉट रही थी।

बिजली मंत्रालय का अनुमान था कि गर्मियों के दौरान देश की बिजली की मांग 229 गीगावॉट तक पहुंचेगी। हालांकि, बेमौसम बारिश से अप्रैल-जुलाई में मांग अनुमानित स्तर तक नहीं पहुंची है। बिजली की अधिकतम मांग जून में 224.1 गीगावॉट की नई ऊंचाई तक जा पहुंची है।

सितंबर में रिकॉर्ड ऊंचाई पर बिजली की डिमांड

जुलाई में बिजली डिमांड गिरकर 209.03 गीगावॉट पर आ गई थी। अगस्त में अधिकतम बिजली की मांग 238.19 गीगावॉट तक पहुंच गई थी। देशभर में बिजली की डिमांड इस साल सितंबर में लगभग 240 गीगावॉट की रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंची है।

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

ट्रम्प ने 2,000 USAID कर्मियों को नौकरी से निकाला, हजारों को छुट्टी पर भेजा

रविवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन ने कहा कि...

डॉलर के मुकाबले रुपया फिर 87 के पार

25 फरवरी को दोपहर के कारोबार में रुपया 55...

इब्राहिम जादरान ने जड़ा चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास का सबसे बड़ा शतक

अफगानिस्तान के बल्लेबाज इब्राहिम जादरान ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी...

चैंपियंस ट्रॉफी में बन गया शतकों का नया रिकॉर्ड

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में रनों के पहाड़ खड़े...