इमेज क्रेडिट : मुनीश कुमार
मेरठ। झूला झूलना किसी भी उम्र केे बच्चों को बेहद खुशी देता है। झूला झूलने के शौकीन बड़ी उम्र के लोग भी होते हैं। अमीर व्यक्ति अपने बच्चों को हर सुुख-सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं। मगर गरीब व्यक्ति अपने बच्चों के लिये झूला नहीं खरीद पाता। लेकिन छोटे बच्चे की कोई आवश्यकता नहीं होती और वह सिर्फ प्रेम की भाषा समझता है।
अब इस तस्वीर को देखिये जिसमें चारपाई पर कपड़़ा बांध कर बच्चे के लिये झूला बनाया गया है। हाथों से काम करती मां चारपाई पर बैठकर पैरों से इस झूलेे को झूला रही है। बच्चा भी अपनी मां के प्रेम से बनाये गये इस झूले में असीम आंनद महसूस कर रहा है। प्रेम की इस अनुभूति के समक्ष दुनिया भर की खुशियां न्यौछावर हैं।