प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की आँखों का इन दिनों तारा बने येदियुरप्पा को लेकर भाजपा में अंदरूनी कलह अपने चरम पर है. बोम्मई सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री सोमन्ना जहाँ येदियुरप्पा और उनके बेटे विजयन की शिकायत लेकर दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं वहीँ आज विजय संकल्प यात्रा में पहुंचे येदियुरप्पा को पार्टी के ही कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते अपना चुनाव कार्यक्रम रद्द करना पड़ा. पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनकी कार को घेर लिया और मजबूरन उन्हें वापस लौटना पड़ा.
बेटे को अपनी सीट से चुनाव लड़ाने का एलान
दरअसल भाजपा के लोग अपने पूर्व मुख्यमंत्री पर इस बात के लिए भड़क उठे क्योंकि येदियुरप्पा ने अपनी शिकारीपुरा सीट से अपने बेटे विजयन को चुनाव लड़ाने का बयान जारी किया। स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनकी बात को ख़ारिज कर दिया और उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगे. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि और उनके समर्थकों ने येदियुरप्पा को संकल्प यात्रा छोड़कर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया। सीटी रवि ने कहा कि भाजपा में किचिन में पॉलिटिक्स नहीं होती, आपको टिकट सिर्फ इसलिए नहीं मिल सकता कि आप किसी नेता के बेटे हैं. किसे टिकट देना है किसे नहीं इसका फैसला संसदीय बोर्ड लेता है.
येदियुरप्पा की वजह से बढ़ रहा है असंतोष
दरअसल प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह जिस तरह येदियुरप्पा का दामन थामे हुए हैं उससे पार्टी के अंदर बहुत नाराज़गी है, विशेषकर येदियुरप्पा के बेटे विजयन के खिलाफ। विजयन आला कमान की आँखों का तारा इसलिए हैं क्योंकि उन्होंने कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायकों को तोड़कर और उनसे इस्तीफ़ा दिलवाकर कुमारस्वामी सरकार गिराकर येदियुरप्पा के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. ऐसे भी येदियुरप्पा उस लिंगायत समुदाय के बड़े नेता हैं जो कर्नाटक के चुनाव में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को लगता है कि येदियुरप्पा के सहारे भाजपा की नैया पार हो जाएगी लेकिन इस चक्कर में पार्टी के दूसरे असरदार नेताओं में नाराज़गी बढ़ती जा रही है.