मध्य प्रदेश में इसी साल होने वाले विधानसभा के चुनाव की तैयारी के सिलसिले में इन दिनों मुख्यमंत्री शिवराज चौहान विकास यात्रा निकाल रहे हैं. इस यात्रा के माध्यम से वो मध्य प्रदेश में फैली एंटी इंकम्बेंसी के असर को ख़त्म करना चाह रहे हैं हालाँकि इस यात्रा के दौरान लोगों का विरोध भी खुले आम सामने आया है , इसके अलावा सरकार और संगठन में भी शिव-राज को लेकर नाराजगी की खबरे सामने आ रही है. ज़मीनी स्तर से निकलने वाली ख़बरों को अगर सही माने तो भाजपा सरकार का रिपोर्ट कार्ड उत्साहजनक नहीं है.
दो मोर्चों पर एकसाथ परेशानी
ऐसे में शिवराज के सामने सबसे बड़ी परेशानी यह है कि जनता की नाराज़गी के साथ अपने मंत्रियों की नाराज़गी को कैसे दूर किया जाय. यही वजह है कि जल्द ही मंत्रिमंडल में विस्तार की बाते सामने आने लगी हैं, विस्तार की बातें इससे पहले भी आयी थीं लेकिन फिर उसे टाल दिया गया था लेकिन मंत्रियों विधायकों की नाराज़गी अब इतनी बढ़ चुकी है कि विस्तार को टाला नहीं जा सकता।आम जनता की नाराज़गी और सरकार में बैठे लोगों की नाराज़गी दोनों मोर्चों पर भाजपा सरकार एक साथ नहीं लड़ना चाहती है.
कैबिनेट विस्तार की बातें
उसका ध्यान इस समय पूरी तरह से जनता पर है. इसलिए किसी भी समय कैबिनेट का विस्तार और फेरबदल कर नाराज़ विधायकों और मंत्रियों को खुश किया जा सकता है। इधर सारे मंत्रियों और विधायकों को भी यह हिदायत दी जा चुकी है कि उनका रिपोर्ट कार्ड देखकर ही कोई फैसला लिया जायेगा इसलिए अपने आप में सुधार लाने में जुट जाइये. विस्तार और फेरबदल में उन मंत्रियों पर चाबुक भी चल सकती है जिनका रिपोर्ट कार्ड खराब बताया जा रहा है हालाँकि इनपर एक्शन भी लेना इस समय शिवराज के लिए इतना आसान नहीं है. कुल मिलकर कह सकते हैं शिव-राज परेशानी में है.