कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की सुगबुगाहट के बीच वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ दरअसल कांग्रेस जोड़ो यात्रा है, इसे दोनों से अलग करके नहीं देखा जा सकता। थरूर ने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का असली मकसद देश को सूत्र में बांधना है साथ इसका एक और मकसद भी और है पूरे देश के कांग्रेसियों को पार्टी से जोड़ना और उन्हें पार्टी मूल्यों और आदर्शों पर चलते हुए जनहित के मुद्दों की आवाज़ उठाने के लिए जागरूक करना।
कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की बात से खुद को बचाते हुए थरूर ने कहा कि पार्टी के कई नेता इस पद के लिए मतदातों को विकल्प दे सकते हैं. कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव स्वागत योग्य कदम है, पार्टी का अध्यक्ष लोकतांत्रिक तरीके से चुनकर आयेगा और यह पार्टी के लिए बहुत अच्छा होगा। थरूर ने कहा कि कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी है जो पूरे देश को एकजुट कर सकती है और इसके लिए उसे जनता के साथ जुड़ाव और खुद को मजबूत बनाने की बेहद जरूरत है। थरूर ने कहा कि पार्टी कन्याकुमार से कश्मीर तक जनता के बीच ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के साथ कांग्रेस को भी जोड़ने का संदेश देना चाहती है।
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‘भारत जोड़ो यात्रा’ की जगह कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकालने की सलाह देने वाले पूर्व कांग्रेसी गुलाम नबी आजाद टिप्पणी पर थरूर ने कहा वो सम्मानित बुजुर्ग हैं उनपर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता मगर मैं इतना मानता हूं कि इस यात्रा से कांग्रेसियों की साख पूरे देश में मजबूत होगी। पार्टी के आदर्शो और मूल्यों के साथ लोगों का जुड़ाव होगा। ताहरूर ने कहा कि यही वजह है कि ‘भारत जोड़ यात्रा’ को ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ भी मानता हूँ.