नई दिल्ली। केरल यात्रा के दूसरे दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में हैं। वे वहां पर विभिन्न कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। इस दौरान उन्होंने मनरेगा के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। उन्हें संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यूपीए की सरकार ने मनरेगा को संकल्पित, विकसित के उद्देश्य से लागू किया था। जब पहली बार इसके लागू करने के लिए बात शुरू हुई तो प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। नौकरशाहों, व्यवसायियों ने कहा कि यह पैसे की बर्बादी है।
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मनरेगा को लेकर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि जब लोकसभा में देश के प्रधानमंत्री को मनरेगा के खिलाफ बोलते सुना तो वो चौंक गए। उन्होंने इसे यूपीए की विफलता बता दिया। उन्होंने इसे राजकोष पर बोझ बताया था। इससे एहसास हुआ कि प्रधानमंत्री मनरेगा की गहराई को नहीं समझ सके हैं। राहुल ने कहा कि वो कोरोना काल के दौरान देख रहे थे जब हजारों की संख्या में बेरोज़गार हुए लोगों को इसी मनरेगा ने बचाया था। पीएम ने उस समय मनरेगा पर कोई सवाल नहीं उठाया। क्योंकि यह स्पष्ट हो गया था कि उन्होंने जिसे यूपीए की विफलताओं का स्मारक बताया था उसी ने भारत को कोरोना संक्रमण काल में समय बचाया।
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इससे पहले राहुल गांधी ने मनांथावडी में एक किसान बैंक के भवन का उद्घाटन किया था और सुल्तान बाथेरी में यूडीएफ के बहुजन संगम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज किसानों और कृषि को नजरअंदाज किया जा रहा है।