Mission Meghalaya: कांग्रेस के नारे को मोदी ने फिर बनाया चुनावी हथियार

पॉलिटिक्सMission Meghalaya: कांग्रेस के नारे को मोदी ने फिर बनाया चुनावी हथियार

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प्रधानमंत्री मोदी अक्सर इस इंतज़ार में रहते हैं कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से उन्हें कोई अपशब्द कहा जाय जिसे वो चुनावी हथियार बना सके और हर बार वो कोई न कोई ऐसा हथियार ढूंढ ही लेते हैं. कल कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को असम की पुलिस ने दिल्ली आकर एयरपोर्ट पर उस वक्त गिरफ्तार किया जब वो अन्य कांग्रेसी नेताओं के साथ रायपुर के उड़ान भरने वाले थे जहाँ कांग्रेस पार्टी का अधिवेशन हो रहा है. इस नाटकीय गिरफ़्तारी के विरोध में गुस्साए कांग्रेसी नेताओं ने एयरपोर्ट पर ही धरना प्रदर्शन शुरू किया और नारे बाज़ी शुरू कर दी जिसमें एक नारा था मोदी तेरी कब्र खुदेगी। बस उसी नारे का इस्तेमाल कर प्रधानमंत्री मोदी ने आज मेघालय की राजधानी शिलांग में कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला किया.

देश बदला लेगा

प्रधानमंत्री ने कहा कांग्रेस के इस नारे का जवाब जनता देगी क्योंकि पूरा देश तो यही कह रहा है कि मोदी तेरा कमल खिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश ने जिन लोगों को खारिज कर दिया उसे अब वापस स्वीकारने को हरगिज़ तैयार नहीं, वो अपने प्रधानमंत्री को अपशब्द कहने वालों से बदला ज़रूर लेगा. वहीँ तुरा में आयोजित एक रैली में उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए आपका ये प्यार कुछ लोगों को पसंद नहीं आ रहा है। उनकी नींद उड़ गई , उन्होंने बहुत कोशिश की कि यह रैली ना हो पाए लेकिन तुरा की जनता से जुड़ने के लिए मोदी को किसी मैदान की जरुरत नहीं है। बता दें कि प्रधानमंत्री की चुनावी रैली के लिए स्टेडियम के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी गयी थी. गौरतलब है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान सारा शासन प्रशासन चुनाव आयोग के हाथों में होता है ऐसे में प्रधानमंत्री का इस तरह का आरोप लगाना तो यही साबित करता है कि विपक्षी पार्टियां जब इस तरह का आरोप लगाती हैं तो इसका मतलब सही आरोप लगाती हैं कि सत्ताधारी पार्टी के आगे चुनाव आयोग भी कुछ नहीं कर पाता।

पांच तक गठबंधन सरकार में रही है भाजपा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने बीते 9 वर्षों में नॉर्थ-ईस्ट के बजट में बहुत अधिक बढ़ोतरी की है, लेकिन यहां लोग बताते हैं कि यहां ना तो सड़कें बनी, ना स्कूल-कॉलेज और ना ही अस्पताल बने। यहां के युवा बता रहे हैं कि भर्तियों में करप्शन है, भाई-भतीजावाद है। यहाँ यह याद दिलाना ज़रूरी है कि मेघालय में पिछले पांच सालों तक NPP के साथ भाजपा गठबंधन सरकार में बड़ी सहयोगी रही है. लेकिन इसबार भाजपा ने NPP से अपना गठबंधन तोड़ अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

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